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दिवाली व बंदीछोड़ दिवस का महत्व बताया

दीपावली व बंदी छोड़ के पवित्र दिहाड़े की पूर्व संध्या पर लविग लिटिल प्लेवे व प्रैपरेटरी स्कूल में समारोह आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 04:18 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:40 PM (IST)
दिवाली व बंदीछोड़ दिवस का महत्व बताया
दिवाली व बंदीछोड़ दिवस का महत्व बताया

संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)

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दीपावली व बंदी छोड़ दिवस की पूर्व संध्या पर लविग लिटिल प्लेवे व प्रैपरेटरी स्कूल में प्रिसिपल मीना अरोड़ा का नेतृत्व में समागम आयोजित किया गया। इसका शुभ आरंभ प्रिसिपल अरोड़ा, समूह अध्यापकों व बच्चों की तरफ से की गई। बच्चों व अध्यापकों की तरफ से मिलकर बनाई गई रंगोली हाजरीन के लिए खींच का केंद्र रही।

प्रिसिपल ने कहा कि इसी दिन सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी की तरफ से ग्वालियर के किले से 52 राजाओं को रिहा करवाया गया था। उसं खुशी में इस त्योहार को बंदी छोड़ दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। इसी ही दिन श्री राम चंद्र अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे। उन्होंने बच्चों को प्रेरणा दी कि दीपावली के त्योहार को प्रदूषण रहित मनाएं। स्टाफ मैंबर जगजीत, स्वीटी, रजनी, रमनदीप आदि ने भी बच्चों के साथ मिलकर प्रदूषण रहित आतिशबाजियां चलाईं व बच्चों को मिठाईयों व तोहफे बांटे गए।


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