Punjab News: डीसी ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में किया जागरूक
डीसी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में शामिल होकर वह मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें। इस अवसर पर उन्होंने पराली जलाने के दुष्परिणामों के बारे में बताया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब। डीसी विनीत कुमार ने जिला प्रशासन परिसर श्री मुक्तसर साहिब से धान की पराली के उचित रखरखाव के लिए जागरूकता वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन ब्लाक श्री मुक्तसर साहिब के सभी गांवों का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दौरा करेगी। साथ ही किसानों को पराली न जलाने और प्रत्येक गांव में वक्ताओं के माध्यम से इसके उचित प्रबंधन के बारे में जागरूक करेगी।
डीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी तरह तीन और जागरूकता वैन चलाई गई हैं, जो जिला श्री मुक्तसर साहिब के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों का दौरा करेंगी। डीसी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में शामिल होकर वह मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें। इस अवसर पर उन्होंने पराली जलाने के दुष्परिणामों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेतों और सड़कों के आसपास मौजूद पेड़ जल जाते हैं और लाभकारी जानवरों, मित्र कीटों और सूक्ष्म जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिला मुख्य कृषि अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने किसानों से अपने मोबाइल फोन में आई-खेत ऐप डाउनलोड करने और धान के भूसे को मिट्टी में दबाने के लिए अपने क्षेत्र में उपलब्ध मशीनरी का उपयोग करने की अपील की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक एकड़ जमीन से करीब 30 क्विंटल भूसा पैदा होता है। 10 क्विंटल भूसा जलाने से लगभग 400 किलो कार्बनिक कार्बन, 5.5 किलो नाइट्रोजन, 2.3 किलो फास्फोरस, 25 किलो पोटेशियम और 1.2 किलो सल्फर की हानि होती है। इसलिए धान के भूसे को आग लगाकर जमीन में जोतना नहीं चाहिए। इस मौके पर जगसीर सिंह ब्लाक कृषि पदाधिकारी सुखजिंदर सिंह, जसवंत सिंह, राजेंद्र कुमार, निर्मल सिंह, दीपक कुमार, स्वर्णजीत सिंह और हरदीप सिंह आदि भी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ेंः- Bhagat Singh Birth Anniversary: पंजाब के फरीदकोट में मैराथन का आयोजन, बलिदानी भगत सिंह की तस्वीर को दिया 'गार्ड आफ आर्नर'