पुलिस की मौजूदगी में दस दिन बाद हुआ देवर-भाभी का अंतिम संस्कार
बीती 13 जुलाई की सुबह गांव जवाहरेवाला में हुए दोहरे कत्ल कांड में मारे गए देवर भाभी का दस दिन के बाद पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : बीती 13 जुलाई की सुबह गांव जवाहरेवाला में हुए दोहरे कत्ल कांड में मारे गए देवर भाभी का दस दिन के बाद पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। दस दिन के बाद ही सुबह पहले सिविल अस्पताल में मृतकों का पोस्टमार्टम करवाया गया। सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव 12 बजे गांव में पहुंच गए थे। पहले उनके शव को घर में ले जाया गया। बता दें कि गांव जवाहरेवाला में बीती 13 जुलाई को मनरेगा कार्य के दौरान एक गुट ने फायरिग कर दी थी जिसमें देवर भाभी की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए थे। इनमें से एक का फरीदकोट में उपचार चल रहा है जिसके अभी तक भी गोली निकाली नहीं जा सकी है। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों पर मामला दर्ज करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि दूसरे आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर जत्थेबंदियों की ओर से लगातार धरना लगाया जा रहा था जिसे कल प्रशासन ने भरोसा देकर खत्म करवा दिया है। महिला को पति तो व्यक्ति को बेटे ने दी मुख्य अग्नि
गांव जवाहरेवाला के श्मशानघाट में गमगीन माहौल के दौरान देवर-भाभी का एक साथ ही अंतिम संस्कार किया गया। महिला मिनी रानी को उसके पति धरमिदर सिंह उर्फ काला ने तो किरनदीप सिंह को उसके तीन वर्षीय बेटे गुरमन ने मुख्य अग्नि भेंट की।
अंतिम संस्कार में एसपी के अलावा कोई नहीं पहुंचा
अंतिम संस्कार के दौरान हालांकि बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स लगाई गई थी जिसमें एसपी मनविदरबीर सिंह पहुंचे हुए थे। अन्य कोई पुलिस या सिविल अधिकारी के अलावा कोई भी नेता गांव में नहीं पहुंचा। हालांकि गांव में जनरल वर्ग के कुछ लोग आए लेकिन अधिकतर लोगों ने इस समय दूरी ही बनाकर रखी। भोग के उपरांत होगा बड़ा संघर्ष
मौके पर पहुंचे हुए अलग-अलग जत्थेबंदियों के नेताओं लछमण सिंह सेवेवाला, गुरनाम सिंह दाउद, गगन संग्रामी, मंगा सिंह आजाद, परमिदर पाशा, अशोक सोनू समेत अन्य ने कहा कि उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। पोस्टमार्टम करवाकर संस्कार करवाना कोई कमजोरी नहीं है। संघर्ष को खत्म नहीं किया है। भोग समागम के दौरान पूरे राज्य के लोगों की एकत्र कर अगले संघर्ष का ऐलान करेंगे। जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी होकर उन्हें सजा नहीं मिलती संघर्ष जारी रहेगा। वह एसएसपी व डीसी के भरोसे नहीं रहेंगे। वह मृतकों के पारिवारिक सदस्य को नौकरी दिलाने, मृतकों के परिवार को 50-50 लाख व घायलों 25 लाख रुपये देने की मांग कर रहे थे। लछमण सिंह सेवेवाला ने बताया कि मृतकों के परिवार को आठ लाख 25 हजार रुपये मिलेंगे और पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। यह भरोसा उन्हें डीसी ने दिलाया है लेकिन जब तक पूरा नहीं होता वह इसे पक्का नहीं मानते। आरोपित पकड़े न जाने पर उनकी जमीन की होगी कुर्की
एसएसपी ने कहा कि आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा और यदि वह नहीं पकड़े जाते तो उनकी जायदाद को केस में शामिल कर उनकी कुर्की की जाएगी।