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    'धक्केशाही बर्दाश्त नहीं', पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट को भंग करने के मामले में CM मान ने BJP के फैसले की निंदा की

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 04:10 PM (IST)

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मुक्तसर में जलापूर्ति और सीवरेज परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट को भंग करने और पंजाब की भागीदारी समाप्त करने के भाजपा के फैसले की कड़ी निंदा की। 

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    पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट को भंग करने के मामले में CM मान ने BJP के फैसले की निंदा की। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) चंडीगढ़ की सीनेट भंग करने के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना की निंदा की है। एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिसूचना से भाजपा का पंजाब विरोधी चेहरा एक बार फिर सबके सामने आ गया है।

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    मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट भंग करके पंजाब के अधिकारों का हनन करने की कोशिश की है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

    इसलिए पंजाब सरकार कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि देश की लोकसभा और किसी भी राज्य की विधानसभा द्वारा बनाए गए अधिनियम को एक अधिसूचना के जरिए रद नहीं किया जा सकता, लेकिन पंजाब विश्वविद्यालय के मामले में केंद्र सरकार ने ऐसी ही दादागिरी की है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले बीबीएमबी के मुद्दे पर पंजाब के अधिकारों को खत्म किया था। अब पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से भी पंजाब के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने हाल ही में पंजाब विश्वविद्यालय में गर्ल्स हास्टल के निर्माण के लिए विशेष अनुदान जारी किया है, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार पंजाब के साथ दादागिरी कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करेगी।