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अमृत योजना के दावों की खुली पोल

श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के लिए हजारों की संख्या में लोग जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 09:57 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:13 AM (IST)
अमृत योजना के दावों की खुली पोल
अमृत योजना के दावों की खुली पोल

रोहित कुमार, श्री मुक्तसर साहिब श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते है। शहर की खराब हालत और गंदगी के कारण शहर का अक्स लोगों में खराब हो रहा है। नेशनल कंज्यूमर अवेयरनेस ग्रुप के जिला प्रधान शाम लाल गोयल की ओर से डाली गई आरटीआइ में मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद की तरफ से 30 जुलाई 2015 को 20 करोड़ जल सप्लाई तथा 80 करोड़ सीवरेज के लिए पास किया गया जो कि कार्यकारी इजीनियर के लिखित प्रोपोजल तथा ग्रांट प्राप्त करने के उद्देश्य के लिए पास किया गया है। कार्यकारी इंजीनियर की तरफ से अमृत स्कीम के अधीन नवंबर 2016 को सरहिद फीडर से वाटर व‌र्क्स तक पाइप डालने के लिए 27 करोड़, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा एचएसएन के लिए 26 करोड़ नए सीवरेज के लिए 57.36 करोड़ तथा सड़कों की मरम्मत के लिए 15.93 करोड़ कुल 182.56 करोड़ रुपये के टेंडर लगाए गए थे। चार वर्षों में 12 बार टेंडर री कॉल किए गए पर किसी भी ठेकेदार ने पेमेंट की गारंटी न होने के कारण टेडर नहीं डाले। स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी के सीवर की मेनटेनेंस की 57.36 करोड़ की आइटम रद कर 143.04 करोड़ तथा 6.59 करोड रुपये पार्क तथा ट्रांसपोर्ट के लिए 149.63 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट स्टेट हाई पावर स्टीयरिग कमेटी पंजाब को भेज दिया। जिसने यह प्रोजेक्ट अमृत डिवीजन, नई दिल्ली, भारत सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया। जिस में केंद्र सरकार का हिस्सा 74.83 करोड़ व पंजाब सरकार का हिस्सा 44.87 करोड़ तथा नगर परिषद की तरफ से अपना हिस्सा 29.93 करोड़ रुपये डाला जाना है। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार पंजाब का हिस्सा स्थानीय सरकार, परिषद को देना होता है, लेकिन सरकार तथा नगर परिषद 1970 के बाद कभी भी अपने हिस्से की रकम केंद्र सरकार के प्रोजेक्टों में जैसे वाटर सप्लाई तथा सीवरेज आदि के लिए नहीं दी।

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मुक्तसर शहर का वाटर सप्लाई तथा सीवरेज सिस्टम जन सहेत विभाग के पास नियमानुसार वाटर सप्लाई तथा सैनीटेशन महकमा शेयर मनी नहीं दे सकता है। असल में यह हिस्सा स्थानीय सरकार, परिषद की तरफ से देना बनता है, लेकिन अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने का बहाना लगाकर यह रकम नहीं दे रहे। इस कारण शहर की अमृत मिशन की स्कीम सिरे नहीं लग रही। प्रोजेक्ट 149.63 करोड़ रुपये में से केंद्र की तरफ से 74.83 करोड़ रुपये की प्राप्त होगा, बाकी बनती राशि कहां से आएगी।

नेशनल कंज्यूमर अवेयरनेस ग्रुप के जिला प्रधान शाम लाल गोयल, सीनियर मीत प्रधान बलदेव सिंह बेदी, मीत प्रधान भंवर लाल शर्मा, महासचिव गोबिद सिंह दाबड़ा, सचिव सुदर्शन कुमार सिडाना, संगठन सचिव जसवंत सिंह बराड़, वित्त सचिव सुभा चगती तथा प्रेस सचिव काला सिंह बेदी ने पंजाब सरकार, जिलाप्रशान, वाटर सप्लाई तथा सेनिटेशन विभाग तथा नगर परिषद मुक्तसर से मांग की है कि उक्त तथ्यों का स्पष्टीकरण दिया जाए तथा जरूरी फंड जारी किए जो जिससे की शहर की स्थित को सुधारा जाए। इनसेट

दो-तीन दिन में देंगे जानकारी : एक्सईएन

एक्सीईएन वाटर सप्लाई पीएस धंजू से इस बारे में जानकारी मांग गई तो उन्होंने यह कहते हुए फोन बंद कर दिया कि इस बारे में दो-तीन दिनों में पूरी जानकारी दे दी जाएगी।


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