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नाव भर रही है जिंदगी में बाढ़ के घाव

रोपड़ हेड व‌र्क्स से 2.4 लाख क्यूसिक पानी और छोड़ने के बाद धर्मकोट क्षेत्र में सतलुज दरिया में पानी खतरे के निशान को पारकर कुछ इंच ऊपर पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 06:26 AM (IST)
नाव भर रही है जिंदगी में बाढ़ के घाव
नाव भर रही है जिंदगी में बाढ़ के घाव

जागरण संवाददाता, मोगा : रोपड़ हेड व‌र्क्स से 2.4 लाख क्यूसिक पानी और छोड़ने के बाद धर्मकोट क्षेत्र में सतलुज दरिया में पानी खतरे के निशान को पारकर कुछ इंच ऊपर पहुंच गया है हालांकि दोपहर के बाद दरिया पानी स्थिर बना है। डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस से एतिहातन के तौर पर निछले गांव में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में जानमाल की सुरक्षा की जा सके। डीसी के साथ विधायक सुखजीत सिंह काका लोहगढ़ भी प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। इस बीच अभी भी जिन लोगों ने घरों को नहीं छोड़ा था, वे बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। उन्हें प्रशासन ने सोमवार को नावों की मदद से बाहर निकाला। गांव संघेड़ा में एक महिला व पुरुष बाढ़ के पानी में बकरियों के साथ बह गए। ग्रामीणों ने तत्काल पानी में कूदकर दोनों की जान बचा ली, उन्हें गांव कमालके में जाकर पानी से बाहर निकाला फिलहाल मेडिकल टीमें उन्हें उपचार दे रही हैं। दोनों को बचाने में मोगा व फिरोजपुर में तैनात की प्रशासनिक टीमों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने ग्रामीणों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में मानवता की रक्षा के लिए सभी को एक साथ खड़ा होना होगा। डीसी ने लोगों को भरोसा दिया कि बाढ़ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भी बाढ़ राहत टीमें तैनात कर दी हैं। निरीक्षण के दौरान एसडीएम धर्मकोट नरिदर सिंह, एसडीएम मोगा गुरविदर सिंह जौहल, सिविल सर्जन डॉ. अरविदर सिंह गिल भी मौजूद थे।

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रेहडवां में एक इमरजेंसी केंद्र

डीसी ने बताया कि धर्मकोट, किशनपुरा कलां, खबा और फतेहगढ़ पंजतूर समेत चार राहत केंद्र स्थापित किए हैं। गांव रेहडवां में एक इमरजेंसी केंद्र भी स्थापित किया है जहां खाने-पीने और रहने के पर्याप्त प्रबंध किया गया है। लोगों के इलाज के लिए सभी केन्द्रों पर मेडिकल टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।

28 गांव अभी भी चपेट में

धर्मकोट सब डिवीजन के 28 गांव पानी की चपेट में आ गए हैं, जिनमें से संघेडा और कांपो खुर्द में सबसे ज्यादा पानी है। वहां से दिनभर प्रशासन की टीमें नावों के जरिए वहां फंसे ग्रामीणों को निकालती रहीं। बाद में उन्हें राहत केन्द्रों पर पहुंचाया गया। इस बीच प्रशासन ने पानी के प्रवाह को कंट्रोल करने के लिए धुस्सी बंध को मजबूत किया है। डीसी ने बाढ़ राहत के लिए हेल्पलाइन नं.01682 -220103 भी शुरू कर दिया है। मदद के लिए 24 घंटे कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर संपर्क कर सकता है।


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