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तापमान में सुधार, उमस से जीना हुआ दुष्वार

मोगा : मानसून की आमद के बाद मोगा जिले को अभी तक महज दो बार ही बारिश नसीब हो सकी है। मानसून से ठीक एक सप्ताह पहले 16.6 एमएम बारिश रिकार्ड हुई, जबकि मानसून आने के बाद पहली बारिश 2.4 एमएम और मानसून की दूसरी बारिश 14.4 रिकार्ड की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 03:38 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 03:38 PM (IST)
तापमान में सुधार, उमस से जीना हुआ दुष्वार
तापमान में सुधार, उमस से जीना हुआ दुष्वार

संवाद सहयोगी, मोगा :

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मानसून की आमद के बाद मोगा जिले को अभी तक महज दो बार ही बारिश नसीब हो सकी है। मानसून से ठीक एक सप्ताह पहले 16.6 एमएम बारिश रिकार्ड हुई, जबकि मानसून आने के बाद पहली बारिश 2.4 एमएम और मानसून की दूसरी बारिश 14.4 रिकार्ड की गई। 15 दिन से लगातार बारिश का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, लेकिन बादल उमड़ने के बाद भी बारिश नहीं हो सकी है। मानसून की बेरूखी से किसान भी अब इंद्रदेव से बेउम्मीद हो चुका है। हालांकि मौसम विभाग अभी भी सामान्य से अच्छी बारिश होने की संभावना जता रहा है। यही कारण है कि जिले में करीब 25 हजार हेक्टेयर में लगनी वाली 11/21 बासमती को किसानों ने अभी तक लगाना शुरू नही किया। तापमान गिरने के बाद भी गर्मी से राहत नही

बीते पांच दिनों से तापमान बेशक 41 से 35 डिग्री पर आ चुका है, लेकिन बढ़ती जा रही उमस के कारण लोगों का घरों में रहना भी दुष्वार हो चुका है। एसी के सामने से हटते ही हर कोई पसीने से तर ब दर हो जाता है। उमस सबसे ज्यादा इस समय खेत मजदूर और स्कूली बच्चों को परेशान कर रही है। आगामी चार से पांच दिनों तक यदि अच्छी बारिश नही होती तो तापमान का चार से पांच अंक बढ़ना लगभग तय है। हवा में नमी के कारण बढ़ रही उमस

मौसम विभाग के प्रोफेसर टीएन छाबड़ा का कहना है कि तापमान बेशक सामान्य है, लेकिन हवा में नमी का मात्रा अधिक होने के कारण इस समय उमस बढ़ी हुई है। 12 से 16.8 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवाओं की गति जब तक तेज नही होगी, तब तक उमस से राहत की कोई बड़ी उम्मीद नही है। मानसून इस समय पहाड़ी क्षेत्र में असरदार है, लेकिन मैदानी इलाकों तक आने में इसे अभी चार से पांच दिन का समय लग सकता है। फोटो-8

बासमती की रोपाई में हो रही देरी

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. ह¨रदर ¨सह का कहना है कि मानसून की बेरूखी के कारण बासमती की रोपाई करने की योजना बनाने वाले किसान अभी तक रोपाई की तैयारी को पूरा नहीं कर सके है। अच्छी बारिश से पहले बासमती की रोपाई का सीधा असर धान के उत्पादन पर पड़ेगा। यही कारण है कि कृषि विभाग ने किसानों को बासमती के लिए 20 जुलाई का समय दिया था, लेकिन बारिश में हो रही लगातार देरी के कारण किसान बासमती की रोपाई करने का जोखिम उठाने के पक्ष में नही है। यदि अच्छी बारिश अगले सप्ताह में नहीं होती तो इस बार जिले में बास्मती का रकबा बीते साल की तुलना में कम होना तय है।


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