कहता था मैं IPS में सलेक्ट हो गया, बस कानून का ज्ञान लेने आया हूं, ...और फिर बन जाता था 'नटवरलाल'
खुद को IPS में सलेक्ट बताने वाले एक नटवरलाल को पुलिस ने वीरवार को गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय में नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक वह 85 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है।
जेएनएन, मोगा। खुद को IPS में सलेक्ट बताने वाले एक 'नटवरलाल' को पुलिस ने वीरवार को गिरफ्तार कर लिया। सैकड़ों लोगों को न्यायालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाला युवक ठगी के लिए जिला प्रबंधकीय व ज्यूडीशियल कांप्लेक्स को अड्डा बना रहा था। यहीं पर वह कैंटीन में नौकरी की तलाश कर रहे युवक-युवतियों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस की पूछताछ में अब तक 85 लोगों के साथ ठगी किए जाने की पुष्टि हो चुकी है। माना जा रहा है कि वह अब तक सैकड़ों लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठग चुका है।
डीएसपी (स्पेशल क्राइम) सुखविंदर सिंह ने बताया कि धर्मकोट की रहने वाली जसनप्रीत कौर व गांव बग्गे (धर्मकोट) की रमनदीप कौर की शिकायत पर पुलिस ने लुधियाना जिले के गांव दहेड़का के रहने वाले जगराज सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपित ग्रेजुएट है। वह सरकारी दफ्तरों में IPS में सलेक्ट होने की बात कहकर अपना प्रभाव बना लेता था। आरोपित के खिलाफ आठ जुलाई 2015 को थाना हठूर (जगराओं) में अफीम तस्करी के आरोप में केस दर्ज हुआ था। आरोपित गरीब परिवारों के साथ संपर्क करके उनके बेटे-बेटियों को नौकरियां देने का झांसा देकर ठगी मारता था।
ठगी की शिकार हुई युवतियां।
दर्ज एफआइआर के मुताबिक आरोपित अब तक मोगा व लुधियाना जिले के तकरीबन डेढ़ दर्जन गांवों में 85 से अधिक बेरोजगार गरीब परिवारों से ठगी मार चुका है। शिकायत करने वाली गरीब लड़कियां बेहद गरीब परिवार से संबंध रखती हैं, हालांकि चार महीने पहले ठगी का शिकार हुए लगभग दो दर्जन युवक-युवतियों ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शन भी किया था। पीडि़तों ने तब बताया था कि उन्होंने जगराओं पुलिस को आरोपित पकड़वा दिया था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।
जाली पहचान पत्र देकर कहता था हो गई नौकरी पक्की
60 हजार रुपये लेकर डीएसपी ने बताया कि आरोपित झांसे में आने वाले युवक-युवतियों से 60 हजार रुपये लेकर उनको न्यायिक विभाग का जाली पहचान पत्र देने के साथ ही सफेद रंग की टी शर्ट, काली पेंट, टाई देकर कह देता था कि उनकी नौकरी पक्की हो गई है।
जिला सचिवालय में बनाया था अड्डा
आरोपित ने स्थानीय जिला सचिवालय में अड्डा बनाया हुआ था। यहां वह टाइपिस्ट प्रदीप कुमार से कंप्यूटर के जरिये ज्यूडिशियल विभाग के पहचान पत्र का नमूना तैयार कराकर ठगी का शिकार बने युवक-युवतियों को देता था। कैंटीन में बेरोजगार लड़कियों को बुलाकर उनकी जाली रजिस्टर में हाजिरी लगवाता था। आरोपित ने प्राथमिक जांच में कहा कि उसने लुधियाना में अदालतों के काम का ज्ञान हासिल किया है, वहां लोगों को बताया था कि वह IPS में सलेक्ट हो गया है, बस कानून का ज्ञान हासिल कर रहा है।