बाहरी मजदूरों के बिना 97 फीसद धान रोपाई पूरी
मोगा जिले में धान की रोपाई का कार्य लगभग 97 फीसद पूरा हो चुका है तथा शेष रोपाई भी दो-तीन दिन में पूरी कर ली जाएगी। वहीं कृषि अधिकारियों के अनुसार धान की फसल के लिए यह समय बेहतर है तथा मानसून के दौरान जितनी अधिक बारिश होगी उतना ही लाभ किसानों को मिलेगा। ठंडी हवा भी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करेगी।
अश्विनी शर्मा, मोगा
जिले में धान की रोपाई का कार्य लगभग 97 फीसद पूरा हो चुका है तथा शेष रोपाई भी दो-तीन दिन में पूरी कर ली जाएगी। वहीं कृषि अधिकारियों के अनुसार धान की फसल के लिए यह समय बेहतर है तथा मानसून के दौरान जितनी अधिक बारिश होगी, उतना ही लाभ किसानों को मिलेगा। ठंडी हवा भी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करेगी। पूरे जिले में इस वर्ष 170 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है, जिसका कार्य किसानों द्वारा जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। वहीं किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों ने फसल का ध्यान रखने की भी सलाह दी है। बता दें कि जिले के बड़े क्षेत्र में हर वर्ष धान की रोपाई होती है और जिले से अन्य राज्यों को भारी मात्रा में चावल भेजा जाता है।
जिला कृषि अधिकारियों के अनुसार जिले में इस वर्ष 10 जून से धान रोपाई कार्य शुरू किया गया था। इसके तहत 170 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई का कार्य होना है, जिसमें से एक माह बीतने पर 165 लाख हेक्टेयर धान की रोपाई का कार्य पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि इस बार जिले में धान की रोपाई से पहले ही बाहरी राज्यों के मजदूर महामारी के चलते अपने-अपने राज्यों में चले गए थे। जब धान की रोपाई का कार्य शुरू हुआ तो किसानों की चिताएं बढ़ गई थीं, हालांकि कुछ किसान मजूदरों को महंगे दामों पर वापस दूसरे राज्यों से लेकर भी आए। इसके बावजूद इसके स्थानीय मजदूरों के सहयोग से अधिकतर किसानों ने इस बार धान रोपाई का कार्य पूरा किया है।
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- कृषि विभाग भी स्थिति पर रखेगा नजर : एडीओ
एडीओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि किसानों के सहयोग के लिए कृषि विभाग के अधिकारी भी मौसम परिवर्तन के चलते मौजूदा स्थिति पर नजर रख रहे हैं। समय-समय पर किसानों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। हालांकि इस बार मानसून अच्छा होने से किसानों को फसल का लाभ अच्छा मिलने की संभावना है। फिर भी किसानों को फसलों पर नजर रखने की जरूरत है।