Move to Jagran APP

ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में मस्त, जनता जाम से त्रस्त

सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर 10 बजे के बीच मेन बाजार में मेजिस्टिक रोड पेट्रोल पंप श्यामलाल थापर चौक बागगली के सामने तीनों ही स्थानों पर पुलिस मुलाजिम तैनात थे ट्रैफिक जाम था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 10:16 PM (IST)
ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में मस्त, जनता जाम से त्रस्त
ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में मस्त, जनता जाम से त्रस्त

जागरण संवाददाता, मोगा : सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर 10 बजे के बीच मेन बाजार में मेजिस्टिक रोड पेट्रोल पंप, श्यामलाल थापर चौक, बागगली के सामने तीनों ही स्थानों पर पुलिस मुलाजिम तैनात थे, ट्रैफिक जाम था। मैजिस्ट्रिक रोड पर तो पुलिस मुलाजिम आपस में बातों में मग्न थे, चौक पर वन वे के तहत लगाए बेरीकेड तोड़कर अंडरब्रिज की ओर से आने वाले वाहन चालक पुलिस की आंखों के सामने बेखौफ आ जा रहे थे। यहां पर पुलिस मुलाजिम कभी-कभी इक्का-दुक्का बाइक सवारों को रोक लेते थे, लेकिन ट्रैफिक ऑपरेशन सुचारू रहे, लोग वन वे ट्रैफिक के वेरीकेडिग न तोड़ें इसे रोकने का एक बार भी पुलिस मुलाजिमों ने प्रयास ही नहीं किया।

loksabha election banner

शहर में बेखौफ ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते लोग और शहर के विभिन्न हिस्सों में खड़े ट्रैफिक पुलिस मुलाजिम इक्का-दुक्का बाइक सवारों को रोककर अपना समय पूरा कर रहे थे। रेलवे रोड पर दुकानों के आगे अतिक्रमण, उसके आगे दोनों ओर खड़े लोडर वाहन ट्रैफिक व्यवस्था की हवा निकाल रहे थे। रेलवे रोड पर पूरे दिन लोडिग-अनलोडिग वाहनों के कारण दोपहिया वाहन चालकों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो अनलोडिग-लोडिग के समय एक-एक घंटे तक जाम लग जाता है। हालांकि यहां पर लोडिग-अनलोडिग का समय सुबह नौ बजे तक का है, जबकि यहां पर लोडिग-अनलोडिग वाहन आते ही नौ बजे के बाद हैं, उस समय ट्रैफिक बढ़ जाने के लोगों को इस रोड से निकलना मुश्किल हो जाता है। खासकर ट्रेन के आने जाने के समय बड़ी संख्या में रिक्शा व ई रिक्शा ट्रेन के आने से पहले ही काफी संख्या में आकर खड़े हो जाते हैं, उस समय कम से कम एक से डेढ़ घंटे तक ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा जाती है।

यही स्थिति प्रताप रोड व मेन बाजार की है। यहां पर पहले तो दुकानदार काफी आगे तक अपना सामान लगाकर सड़क का काफी हिस्सा रोक लेते हैं, उसके बाहर ग्राहकों के व्हीकल खड़े हो जाते हैं, दोपहर लगभग दो बजे जब मेन बाजार स्थित सरकारी ग‌र्ल्स सीनियर सैकेंडरी स्कूल की छुट्टी होती है, उस समय लगभग एक घंटे तक पूरे बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है, इसी मौके का फायदा मजनू टाइप के लोग भी उठाते हैं। कई बार पुलिस मुलाजिम यहां मौजूद जरूर होते हैं, लेकिन ट्रैफिक के कुशल संचालन की बजाय वे या तो आपस में बातें करते दिख जाते हैं या फिर एक जगह पर मोबाइल पर बातें करते दिखते हैं। लोग ट्रैफिक में फंसकर कराहते रहते हैं, कोई सुनने वाला नहीं होता है। जब भी पुलिस के बड़े अधिकारियों का डंडा चलता है तो जगह-जगह पुलिस मुलाजिम वाहनों के चालान करते दिख जाते हैं, लेकिन ट्रैफिक के ऑपरेशन पर फिर भी ध्यान नहीं देते हैं।

पुलिस में इच्छाशक्ति का अभाव

प्रताप रोड से गुजर रहे शिवकुमार मित्तल का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस को कभी भी ट्रैफिक रेगुलर करते नहीं देखा है, सिर्फ चालान वसूलते जरूर दिख जाते हैं। जिस तरह शहर में जगह-जगह चालान काटने वाले दिख जाते हैं उससे नहीं लगता है कि मुलाजिमों की कमी है सिर्फ इच्छा शक्ति का अभाव है।

पुलिस का चालान काटने पर है ध्यान

व्यापारी हरीश चंद जिदल का कहना है कि मेन बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था का पूरे दिन ही बुरा हाल रहता है। चालान काटने वाले तो जगह-जगह दिख जाते हैं, लेकिन ट्रैफिक को रेगूलर कराने वाला कोई मुलाजिम दिखाई नहीं देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.