घोषणा के तीन दिन बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव मैदान से दूर
फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी मौहम्मद सादिक का ऐलान होने के तीन दिन बाद भी चुनाव मैदान में न उतरना चर्चाओं में आ गया है इस बीच मजबी सिखों का प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर पार्टी में बगावत मुखर होने लगी है। टिकट के दावेदार रहे
सत्येन ओझा/राजीव शर्मा
फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सादिक का एलान होने के तीन दिन बाद भी चुनाव मैदान में न उतरना चर्चा में आ गया है। इस बीच मजबी सिखों को प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर पार्टी में बगावत मुखर होने लगी है। टिकट के दावेदार रहे कांग्रेस नेता बंत सिंह ने मंगलवार को सादिक में मीडिया के सामने खुलकर पार्टी के फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने मजबी सिखों के साथ अन्याय किया है। इससे पहले फरीदकोट से पार्टी के दावेदार रहे एवं फगवाड़ा के पूर्व मंत्री जोगिदर सिंह मान भी आपत्ति जता चुके हैं कि सूबे में अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व चार में से दो सीटों पर मजबी सिखों का हक बनता है। अगर पार्टी मजबी सिखों को उनकी हिस्सा नहीं देती है, तो ये मजबी सिखों के साथ अन्याय है।
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आशीर्वाद लेने को भी नहीं मिला समय
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फरीदकोट से प्रत्याशी घोषित होने के बाद मोहम्मद सादिक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से आशीर्वाद लेकर चुनाव प्रचार शुरू करना चाहते हैं। मगर, तीन दिन के प्रयास के बाद भी उन्हें सीएम से मिलने का समय नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि वह अभी तक अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं पहुंचे हैं, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी अकाली दल के गुलजार सिंह रणीके का एलान सादिक के एलान के एक दिन बाद हुआ, लेकिन उन्होंने पहले दिन से ही चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है।
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रिव्यू की चर्चा भी तेज
इस बीच टिकट रिव्यू की चर्चा भी पार्टी में तेज हो गई है। लुधियाना के गांव गिल के विधायक एवं फरीदकोट से लोकसभा सीट के दावेदार रहे पूर्व आइएएस कुलदीप सिंह वैद भी दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ डेरा जमाए हुए हैं। वैद समर्थक दावा कर रहे हैं कि सीट पर रिव्यू हुआ तो वैद की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत होगी। पार्टी के स्तर पर ही चल रही इस चर्चा के बारे में जिला कांग्रेस प्रधान महेशइंदर सिंह निहालसिंह वाला का कहना है कि रिव्यू की उम्मीद तो नहीं लगती। मगर, यह फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को करना है। जिलाध्यक्ष के रूप में पार्टी जिसे भी प्रत्याशी घोषित करेगी, पार्टी तो उसी के लिए काम करेगी।