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पराली का धुआं बन रहा बीमारियों का कारण

संवाद सहयोगी, मोगा : गत कई दिनों से जिले में पराली को आग लगाए जाने से वातावरण में फैले धुएं

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 03:00 AM (IST)
पराली का धुआं बन रहा बीमारियों का कारण
पराली का धुआं बन रहा बीमारियों का कारण

संवाद सहयोगी, मोगा : गत कई दिनों से जिले में पराली को आग लगाए जाने से वातावरण में फैले धुएं के कारण लोगों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पूरा दिन आसमान में धुंए का गुबार छाया रहता है। एक जैसा मौसम रहने का कारण हवा में प्रदूषण बना रहता है। वहीं पराली की आग से पैदा हुए धुएं से विजिबिलिटी भी कम हुई है। सड़कों पर सही ढंग से नजर न आने से लोग हादसों का शिकार हो हैं। ऐसे में यही लगता है कि जिला प्रशासन के आदेशों की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ रही है।

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पराली जला जमीन की उपजाउ शक्ति भी कम कर रहे किसान

समाज सेवी मनीष बेरी ने कहा कि कुछ किसान पराली जला कर लोगों को अनेक बीमारियां तो बांटते ही हैं, साथ ही इससे धरती की उपजाऊ क्षमता भी खत्म हो रही है । सरकार को इस पर सख्ती से बैन लगाने की जरूरत है, नहीं तो आगामी समय में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। अगर समय रहते सख्ती से कार्रवाई नही की गई तो आने वाले दिनों में इसके भयंकर परिणाम सामने आएगें।

पराली जलाने वालोंपर हो सख्त कार्रवाई : कुनाल अरोड़ा

प्रशासन द्वारा पराली जलाने वाले किसानों के चालान काट कर जिम्मेदारी पूरी की जा रही है, जबकि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने में अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि रात के अंधेरे में खेतों में आग आम देखी जा रही है। पराली जलाने पर सख्ती से बैन लगाने की जरूरत है।

पराली को आग लगाना मजबूरी : किसान

मोगा की अनाज मंडी में धान को लेकर आए एक किसान ने बताया कि सरकारों द्वारा किसान हितेषी होने के वादे करके किसानों को गुमराह किया जाता है। गेहूं की नाड़ व धान की पराली को अगर वह आग न लगाएं तो उनके खेतों का स्तर सही ढंग से तैयार नहीं होता है। अगर पराली की आग के धुंए से लोग परेशान होते हैं तो वह भी इस शहर व देश के नागरिक है परेशानी तो उनको भी आती है।

आंखों व दिल के नुकसानदायक है धुआं : डॉ. संदीप गर्ग

एमडी मेडिसिन डॉक्टर संदीप गर्ग का कहना है कि धान की पराली को आग लगाए जाने के कारण पैदा होने वाले जहरीले धुएं से हृदय रोग, सास की बीमारिया, फेफड़ों की एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। इससे सास लेने में समस्या आती हैं। पराली की आग का धुंआ गुर्दा रोगियों, शुगर, ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए भी घातक है। वहीं यह जहरीला धुआं आख रोग भी पैदा करता है।


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