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सास के चेहरे पर आई चमक ने बहुओं को भी बनाया योग साधक

मोगा शहर के व्यवसायिक परिवार से संबंधित 60 बसंत पार कर चुकीं धरमिदर कौर के जीवन में योग एक नया बदलाव लेकर आया है। जीवन भर में कभी उन्होंने परंपरागत परिधान सलवार सूट के अलावा कुछ नहीं पहना लेकिन अब वे नेचर पार्क में योग गुरु राजश्री शर्मा की योग क्लास ज्वाइन करने के बाद टीशर्ट के साथ गले में परिचय पत्र के साथ किसी कॉरपोरेट सेक्टर की सदस्य की तरह योग कक्षाओं में पहुंचती हैं तो अपने जीवन में नई जिदगी की शुरुआत जैसा महसूस करती हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 10:20 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:20 PM (IST)
सास के चेहरे पर आई चमक ने बहुओं को भी बनाया योग साधक
सास के चेहरे पर आई चमक ने बहुओं को भी बनाया योग साधक

गीतिका ग्रोवर, मोगा : शहर के व्यवसायिक परिवार से संबंधित 60 बसंत पार कर चुकीं धरमिदर कौर के जीवन में योग एक नया बदलाव लेकर आया है। जीवन भर में कभी उन्होंने परंपरागत परिधान सलवार सूट के अलावा कुछ नहीं पहना, लेकिन अब वे नेचर पार्क में योग गुरु राजश्री शर्मा की योग क्लास ज्वाइन करने के बाद टीशर्ट के साथ गले में परिचय पत्र के साथ किसी कॉरपोरेट सेक्टर की सदस्य की तरह योग कक्षाओं में पहुंचती हैं तो अपने जीवन में नई जिदगी की शुरुआत जैसा महसूस करती हैं।

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ये अनुभव अकेले धरमिदर कौर का नहीं बल्कि नेचर पार्क की योग कक्षा में आने वाली ज्यादातर महिलाओं के हैं। संगीतकार व योग शिक्षक राजश्री शर्मा, अपनी संगीत शिष्याओं गीतिका ग्रोवर व कंचन ग्रोवर के साथ रूटीन में मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क में पहुंचती थी। अचानक राजश्री शर्मा ने एक महिला को गलत ढंग से योगाभ्यास करते देखा, तो उन्होंने रुककर उस महिला को योग की सही तकनीक बताई। इससे महिला काफी प्रभावित भी हुई और राजश्री शर्मा से आग्रह कर डाला कि क्यों न आप यहां आकर महिलाओं को योगाभ्यास कराना शुरू करें। बस उस महिला की ये बात राजश्री शर्मा के दिल में बैठ गई। अगले दिन17 मई से गीतिका व कंचन को साथ लेकर योगाभ्यास कराना शुरू कर दिया, पहले ही दिन मॉर्निंग वॉक पर आने वाली लगभग 10-12 महिलाएं योग कक्षा में पहुंची। उसके बाद से हर दिन महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी तो राजश्री शर्मा ने योग को संगीत से जोड़ते हुए राधे-राधे बरसाने वाले राधे की संगीत की धुन पर योगाभ्यास शुरू कराया तो ये बदलाव योग साधिकाओं के लिए ही नहीं नहीं बल्कि मॉर्निंग वॉक पर आने वाली महिलाओं को भी खूब भाया, वे भी योग कक्षा में शामिल होती गईं, आज योग कक्षा में आने वाली महिलाओं की संख्या 200 से ज्यादा हो चुकी है।

राजश्री बताती हैं कि सुबह के समय ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं ही आती हैं, क्योंकि सुबह सामान्य गृहणी को घरेलू काम के कारण आना मुश्किल होता है। योग से महज चार महीने में सास में आए सकारात्मक बदलाव को देखते हुए उनकी बहुओं ने शाम की क्लास लगाने की डिमांड शुरू कर दी, जिसके चलते अब बहुओं के लिए राजश्री ने सोमवार से शाम को साढ़े पांच से साढ़े छह बजे तक निशुल्क योग कक्षाएं शुरू कर दी हैं। योग कक्षाओं में 17 साल की युवतियों से लेकर 60 साल तक की महिलाएं पहुंच रही हैं। योग से बदला जीवन

सुनीता चोपड़ा बताती है, योग ने उन्हें नई जिदगी दी है। नियमित रूप से योग कक्षाओं में आने वाली आदर्श मित्तल, कमला मित्तल, संतोष त्रेहन का कहना है कि योग ने उनके जीवन को उत्सव बना दिया है, पूरे जीवन में पहला मौका है जब अगले दिन की कक्षा में जाने का बेसब्री से इंतजार रहता है, इस तरह की फीलिग्स तो कभी बचपन में स्कूल जाते समय भी नहीं आई थी। कंचन व बलजीत कौर का कहना है कि नियमित योगाभ्यास से उनका वजन भी काफी कम हुआ है, वे खुद को ज्यादा ऊर्जावन महसूस करने लगी हैं।


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