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काम नहीं आई सत्ता की ताकत, यूथ कांग्रेस नेता पर एफआईआर के निर्देश

जिला यूथ कांग्रेस के निलंबित अध्यक्ष वरुण जोशी उर्फ पप्पू हिम्मतपुरा की सत्ता की ताकत आखिर किसी काम नहीं आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 10:56 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:14 AM (IST)
काम नहीं आई सत्ता की ताकत, यूथ कांग्रेस नेता पर एफआईआर के निर्देश
काम नहीं आई सत्ता की ताकत, यूथ कांग्रेस नेता पर एफआईआर के निर्देश

सत्येन ओझा/दविदर पाल सिंह, मोगा : जिला यूथ कांग्रेस के निलंबित अध्यक्ष वरुण जोशी उर्फ पप्पू हिम्मतपुरा की सत्ता की ताकत आखिर किसी काम नहीं आई। एक सरकारी मुलाजिम महिला को ब्लेकमेलिग करने व उसके साथ दुष्कर्म के मामले में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट अमनदीप कौर की अदालत ने थाना निहालसिंह वाला पुलिस को केस दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले थाना निहालसिंह वाला पुलिस सत्ता के दबाव में मामले में एफआइआर दर्ज करने से ये कहकर टालमटोल कर रही थी कि मामला पुराना है। इसकी जांच में समय लगेगा। न्यायाधीश ने थाना प्रभारी को केस दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यूथ कांग्रेस नेता की पत्नी इस समय निहालसिंह वाला के गांव हिम्मतपुरा की सरपंच है।

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निहालसिंह वाला क्षेत्र में काम करने वाली एक सरकारी विभाग की मुलाजिम ने थाना निहालसिंह वाला पुलिस को मई के पहले सप्ताह में दी शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि यूथ कांग्रेस प्रधान वरुण जोशी उसे काफी समय से ब्लेकमेल कर रहा है। पप्पू जोशी के कारण उसका पति के साथ तलाक हुआ है। आरोपित उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर एक होटल में ले गया जहां उसके साथ ब्लेकमेलिग करते हुए दुष्कर्म किया था। थाना निहालसिंह वाला के प्रभारी सत्ता के दबाव में आकर मामले को टालमटोल करने में जुटे थे। हालांकि शिकायत थाने में पहुंचने के बाद पंजाब प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष वरिदर ढिल्लों ने पप्पू हिम्मतपुरा को जिलाध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया था, लेकिन पप्पू का जबाव मिलने के बाद भी पार्टी कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। उधर उस मामले में जांच अधिकारी बनाए डीएसपी निहालसिंह वाला लखबिदर सिंह व ट्रैफिक इंस्पेक्टर भूपिदर कौर पीड़ित महिला मुलाजिम को उस होटल में लेकर गई थी, जिसमें ले जाकर कांग्रेस नेता पर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। सूत्रों का कहना है कि होटल में दोनों की मौजूदगी के सभी सबूत पुलिस को मिल गए थे, इसके बावजूद पुलिस अधिकारी इस मामले में केस दर्ज करने के बजाय पीड़ित पर ही समझौते के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस से निराश होकर आखिरकार पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

न्यायाधीश अमनदीप कौर ने पीड़िता की शिकायत को स्वीकार करते हुए उस पर सुनवाई की। सोमवार को अदालत ने थाना प्रभारी निहालसिंह वाला को निर्देश दिए हैं कि आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जांच की जाय।

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पुलिस ने कांग्रेस नेता व पीड़ित की कॉल डिटेल निकलवाई थी, जिसमें कांग्रेस नेता ने 1500 बार कॉल करके पीड़ित को ब्लेकमेल कर उसके धमकाया था। अदालत में दी शिकायत में पीड़िता कहा था कि दिसंबर 2019 में कांग्रेस नेता ने उसके पास आकर बोले का कि उसके गैर मर्दों से साथ उसके फोटो हैं, या तो वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए या पांच लाख रुपये दे, अन्यथा वह उसके फोटो नेट पर डाल देगा। पीड़ित मुलाजिम ने इज्जत की खातिर चार लाख रुपये देकर उससे सबूत डिलीट करने का आग्रह किया। 25 अप्रैल को फिर कांग्रेस नेता ने बोला कि उसने पूरे सबूत डिलीट नहीं किये हैं और तीन लाख रुपये की मांग और करने लगा। पैसों का प्रबंध न होने की बात पर वह उसे अपनी इनोवा गाड़ी में बैठाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।


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