शौचालय के लिए पहली किस्त देकर भूली सरकार, चार साल से नहीं आया एक भी पैसा
फोटो-55 56 57 -स्वछता के प्रति लोग हुए जागरूक सरकारी सिस्टम में नहीं कोई सुधार -मिशन से जुड़े अधिकारी व मुलाजिमों पर भी नहीं कोई असर जानकारी तक का अभाव
सत्येन ओझा, मोगा :
स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोग तो जागरूक हो रहे हैं, लेकिन सरकारी तंत्र ढीठ बना हुआ है। सरकारी बाबुओं पर ही नहीं मुहिम से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कोई असर नहीं। शहर की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती सूरज नगर उत्तरी में निगम ने अंतिम बार सितंबर 2016 में शौचालय के लिए पहली किस्त के रूप में दो-दो हजार रुपये बस्ती के लोगों के खातों में डाले। उसके बाद न दोबारा ध्यान दिया और न ही पैसे खातों में डाले गए। नतीजन, लोगों ने फिर खुले में शौच शुरू कर दिया। कुछ अभियान से जागरूक भी हुए और अपने पास से कुछ राशि मिलाकर पक्के शौचालय बनवा लिए। अभी भी बस्ती में सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो खुले मैदान व नहर के किनारे खुले में शौच जा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब मोगा का देहाती क्षेत्र नंबर वन आकर पूरे देश के लिए नजीर बना है। मोगा की ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले लोग अब खुले में शौच नहीं जाते, न ही गांवों में बने शौचालय गंदे रहते हैं। शहर में हाल आज भी बुरा है। कुल 400 की आबादी वाली बस्ती में सिर्फ 22 लोगों को पहली किस्त मिली है। बाकी को नहीं। करीब 100 लोगों ने यहां अपने घरों में शौचालय बनवा लिए हैं, बाकी आज भी खुले में शौच के लिए जाते हैं। हैरानी इसलिए भी है कि 40 साल से बसी इस झुग्गी बस्ती की गंभीर समस्या को देखते हुए यहां पर कोई सार्वजनिक शौचालय तक नहीं बनबाया गया है।
लोगों ने दिखाई बैंक की पासबुक
झुग्गी बस्ती सूरज नगर निवासी सुमित्रा देवी पत्नी गरीबदास ने बैंक पासबुक दिखाते हुए कहा कि उन्हें दो हजार रुपये की राशि दो जनवरी 2016 को मिली थी। ये राशि मिलने के बाद शौचालय बनबाना शुरू कर दिया था। दो साल इंतजार किया, लेकिन सरकार से दूसरी किस्त नहीं मिली तो खुद पैसे लगाकर बनवा लिया। खुले में शौच के लिए नहीं जाते। महिला कारोदेवी ने बताया कि दो साल तक दूसरी किस्त का इंतजार करते रहे, लेकिन पैसे न मिलने पर उन्होंने घर में शौचालय बनवा लिया। बाहर नहीं जाते। अधिकारियों ने कहा-सरकार से पैसे नहीं आए
स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी व एक्सईएन नछत्तर सिंह को शौचालय के लिए दूसरी किस्त सरकार से मिली है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर गुरिदर सिंह के पास पूरी डिटेल हैं। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर गुरिदर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि दूसरी किस्त अभी सरकार से ही नहीं मिली। जब मिलेगी तो दे दी जाएगी। किस्त को लेकर पंजाब सरकार को पत्र लिखा है।
..6667 रुपये मिलने थे
पहली किस्त शहरी क्षेत्र में दो हजार की, दूसरी 4667 रुपये, कुल 6667 रुपये मिलने थे, लेकिन अभी तक पहली किस्त ही लोगों को मिल सकी है।