शहर को लावारिस कुत्तों के साथ कचरे से भी मिलेगी मुक्ति
मोगा शहर के सुंदरीकरण व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नगर निगम कमिश्नर ने 13.55 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है इनमें से 10.91 करोड़ रुपये से होने वाले कामों के टेंडर भी आमंत्रित कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, मोगा
शहर के सुंदरीकरण व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नगर निगम कमिश्नर ने 13.55 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, इनमें से 10.91 करोड़ रुपये से होने वाले कामों के टेंडर भी आमंत्रित कर दिए हैं। प्रस्तावित योजना में शहर को जहां लावारिस कुत्तों से मुक्ति मिलेगी, वहीं लॉकडाउन के बाद फिर से लगने शुरू हुए कचरे के सेकेंडरी डंप से भी मुक्ति मिल जाएगी।
योजना के तहत शहर में लगभग 100 अंडरग्राउंड डंप बनेंगे। वहीं पर कचरे के सेग्रीगेशन के लिए एमआरएफ सेंटर भी बनेंगे, ताकि गीले कचरे को खाद के रूप में तब्दील किया जा सके और सूखे कचरे को रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जा सके।
निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने बताया कि वह शहर के विकास कार्यो के लिए प्रतिबद्ध हैं। शहर के विभिन्न वार्डो में 1355.06 लाख रुपये की लागत से विकास कार्यो की योजना तैयार की है। इनमें सड़कों पर प्रीमिक्स बिछाने, कारपेट इंटरलॉकिग टाइल्स, कचरा सेग्रीगेशन के लिए एमआरएफ सेंटर व डॉग पौंड तैयार किया जाएगा।
शहर के पर्यावरण के सुधार प्रोग्राम के दूसरे चरण के तहत 1091.05 लाख रुपये के कामों के टेंडर आमंत्रित कर लिए गए हैं। जिसके तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। सेमी अंडर ग्राउंड डस्टबिन लगाई जाने हैं, ताकि शहर में कहीं भी सेकेंडरी डंप न लगे। घरों से कूड़ा उठकर सीधे सेमी अंडरग्राउंड डंप में पहुंचे। इसके साथ शहर के सभी पांच प्रमुख प्रवेश स्थानों पर प्रवेश द्वार बनाने के साथ ही वहां पर छोटे-छोटे सुंदर पार्क बनाकर ग्रीन प्वाइंट बनाए जाएंगे। साथ ही फैंसी लाइटें लगाकर हर प्रवेश द्वार को आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा, ताकि शहर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को प्रवेश करते ही एक अलग ही अनुभूति हो सके। कुछ स्थानों पर स्टैचू भी लगाए जाएंगे। शहर के श्मशानघाट व धर्मशालाओं को विकसित कर सुंदरीकरण किया जाएगा। शहर की सफाई के लिए स्वीपिग मशीनें खरीदी जाएंगी। इसके अलावा निगम ने 1552.60 लाख रुपये की लागत से 107 अन्य विकास कार्यो के भी टेंडर लगाए हैं।
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कुत्ते पालने वालों पर कसेगा शिकंजा
नगर निगम ने शहर के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए शहर के लोगों को एक महीने का समय दिया था। इस अवधि में सिर्फ 100 लोगों ने ही अपने कुत्तों की रजिस्ट्रेशन कराई है, जबकि शहर में दो हजार से भी ज्यादा घरों में पालतू कुत्ते होने का अनुमान है। अगर बिना रजिस्ट्रेशन वाला कोई व्यक्ति पालतू कुत्ते को घर के बाहर किसी भी स्थान पर पेशाब या शौच कराता दिखा तो निगम उस पर जुर्माना करेगी, साथ ही रजिस्ट्रेशन करेगी। कुत्ते पालने वालों को घरों में अलग से शौचालय बनाना पड़ेगा। वहीं लावारिस कुत्तों को निगम पकड़कर डॉग पौंड में रखेगी, निगम ही उनके खाने आदि का इंतजाम करेगी।