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चार मैकेनिकल सेपरेडर की टेंडर कॉल, बढ़ाए जाएंगे सफाई कर्मचारी

कूड़े के डिस्पोज के लिए चार मैकेनिकल सैपरेटर की टेंडर कॉल - मैकेनिकल वेस्ट सैपरेटर घंटे के हिसाब से करेंगे काम -गीला-सूखा कचरा अलग होने पर एक साल में होगी डंप की समस्या हल - गीले कचरे के लिए 110 पिट्स बनाने का काम किया शुरू

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:10 AM (IST)
चार मैकेनिकल सेपरेडर की टेंडर कॉल, बढ़ाए जाएंगे सफाई कर्मचारी
चार मैकेनिकल सेपरेडर की टेंडर कॉल, बढ़ाए जाएंगे सफाई कर्मचारी

अश्विनी शर्मा, मोगा : शहर को भारत स्वच्छता मिशन में बेहतर रैंकिग दिलवाने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है। निगम अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि समस्या शहर में से कूड़ा उठान की हो या फिर डंपिग की जगह पर बने पहाड़ की, यह समस्या तभी हल हो सकती है, जब गीला-सूखा कचरा निगम कर्मियों को अलग-अलग मिले तथा डंपिग वाली जगह पर कचरे के ढ़ेरों को डिस्पोज किया जा सके। अगर ऐसा होता है शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त होगी तथा निगम कर्मियों को भी लोगों का सहयोग करने में सहायता मिलेगी।

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उक्त समस्या के हल के लिए निगम द्वारा तैनात मोटिवेशनल 9 टीमें जबकि दो कम्यूनिकेशन टीमें घर-घर जाकर शहरवासियों को गीले-सूखे कचरे के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं। निगन ने चार मैकेनिकल वेस्ट सैपरेटर के लिए टेंडर कॉल की है, जिसके लिए 14 दिन का समय तय किया गया है। वहीं कूड़े की समस्या से लोगों को एक साल तक निजात मिल सकती है।

निगम ने डंप हुए कूड़े के उठान की समस्या से निजात पाने के लिए 110 नए पिट्स बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। जहां घरों से इकट़्ठा किया हुआ गीला कचरा इन पिट्स में डिस्पोज ऑफ खाद के रूप में तैयार किया जाएगा। शहर में पहले से 200 पिट्स बनाने को लेकर सरकार द्वारा मंजूरी दी चुकी है जिसमें से 90 स्थानों पर पहले से ही निगम द्वारा पिट्स बनाए जा चुके है।

सूखे कचरे के लिए 3 एमआरएफ होंगे तैयार

निगम गिले कचरे सूखे कचरे की डंपिग को लेकर भी योजना तैयार कर चुका है, जिसमें तीन एमआरएफ (मैटीरियल रिकवरी फैशिल्टी सेंटर) को मंजूरी मिल चुकी है। जिसमें से पहला चिड़िक रोड़ पर गोशाला के समीप व दूसरा बुक्कनवाला रोड़ पर इनका निर्माण कार्य शुरू हो चुक है जबकि तीसरे के लिए स्थान की तलाश जारी है। सफाई कर्मियों की संख्यां में भी हो सकती है बढ़ोत्तरी : गुरेंद्र सिंह

चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर गुरेंद्र सिंह ने बताया कि शहर में 600 सफाई कर्मियों की जरूरत है तथा मौके पर 387 कर्मचारी निगम के अधीन आने वाले स्थानों की सफाई करते है। जिसके कारण कई बार कूड़ा उठान में देरी हो जाती है, लेकिन निकट भविष्य में उक्त समस्या हल करने के लिए सफाई कर्मियों की बढ़ोतरी के लिए उच्चाधिकारियों बात की जाएगी।

दूसरा डंप का पहाड़ नहीं बनने देंगे - कमिश्नर

निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने बताया कि जब से स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ है, उसकी पॉलिसी के अनुसार जिन पुरानी जगह पर कूड़ा डंप हो रहा है, उसे ही जल्द डिस्पोज ऑफ करना है। इसलिए जहां अभी कूड़ा डंप हो रहा है उसी को जल्द डिस्पोज ऑफ कर दिया जाएगा तथा दूसरा पहाड़ नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होनें लोगों से भी गीले-सूखे कचरे को लेकर जागरूक होने की अपील की।


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