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एसटीएफ मोहाली को दो बार सम्मन, मजिस्ट्रेट जांच में नहीं हुई शामिल

शहर में 19 दिसंबर की शाम को एसटीएफ की गोली से एक युवक की मौत व एक के घायल होने के मामले में एसटीएफ मोहाली अपने ही बुने जाल में फंस गई है। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच कर रहे एसडीएम सतवंत सिंह एसटीएफ को दो बार सम्मन जारी कर चुकी है लेकिन दोनों बार एसटीएफ की टीम मजिस्ट्रेट जांच में शामिल नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 10:50 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:11 AM (IST)
एसटीएफ मोहाली को दो बार सम्मन, मजिस्ट्रेट जांच में नहीं हुई शामिल
एसटीएफ मोहाली को दो बार सम्मन, मजिस्ट्रेट जांच में नहीं हुई शामिल

सत्येन ओझा, मोगा : शहर में 19 दिसंबर की शाम को एसटीएफ की गोली से एक युवक की मौत व एक के घायल होने के मामले में एसटीएफ मोहाली अपने ही बुने जाल में फंस गई है। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच कर रहे एसडीएम सतवंत सिंह एसटीएफ को दो बार सम्मन जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों बार एसटीएफ की टीम मजिस्ट्रेट जांच में शामिल नहीं हुई। इस बीच हाईकोर्ट में एसएसपी से रिपोर्ट चार फरवरी तक तलब किए जाने के बाद अब एसपी (डी) ने जांच शुरू कर दी है। एसपी (डी) ने शुक्रवार को घायल व मृतक के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं।

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19 दिसंबर की शाम को एसटीएफ मोहाली की टीम ने मोगा शहर में बुग्गीपुरा चौक के निकट सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिग की थी। फायरिग में जोबनप्रीत की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि उसके दोस्त गुरचेत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया था। एसटीएफ मोगा का दावा था कि नशा तस्करों की जानकारी पर पुलिस ने नाका लगाया था। नाके परस्वफ्ट डिजायर कार चालक ने गाड़ी रोकने पर कोट ईसे खां की ओर भगा ली थी। इस दौरान पीछा करते समय एके-47 से हुई फायरिग में जोबनप्रीत की मौत हो गई थी, जबकि गुरचेत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

इस मामले में घायल गुरचेत सिंह की पत्नी अमनदीप कौर ने एसटीएफ की कार्रवाई को राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग में चुनौती दी थी, साथ ही हाईकोर्ट में ही एसटीएफ की कार्रवाई को चुनौती दी थी। छह जनवरी को हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एसएसपी से चार फरवरी तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इन्हीं निर्देशों के चलते एसपी (डी) ने शुक्रवार को अमनदीप कौर, मृत जोबनप्रीत सिंह के पिता सुरजन सिंह, मां अमरजीत कौर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था।

ये कार्रवाई एसटीएफ मोहाली के सब इंस्पेक्टर पवन कुमार के निर्देशन में हुई थी। थाना मैहना में एसटीएफ की टीम ने घटना के 14 घंटे बाद टीम के सिपाही अमरजीत राम की ओर से एफआइआर दर्ज कराई थी। एसटीएफ की कार्रवाई पर पहले ही दिन से उंगली उठ रही थीं। बॉक्स-

तरनतारन पुलिस धमका रही थी एक साल से

घायल गुरचेत सिंह की पत्नी अमनदीप कौर ने एसटीएफ मोहाली की पूरी कहानी का पर्दाफाश करते हुए बताया कि 22 फरवरी 2019 को तरनतारन क्षेत्र के गांव बंगलाराय में गुरचेत के साथ उसकी शादी हुई थी। शादी समारोह के दौरान ही तरनतारन पुलिस ने ये कहते हुए रेड की कि शादी में कोई गैंगस्टर आया है, उसने फायरिग की है, ये सूचना पुलिस को मिली है। पुलिस ने उस समय पूरी छानबीन की। घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी पुलिस ले गई थी, लेकिन जांच में पुलिस को कुछ नहीं पता चला। कुछ दिन बाद उन्हें पता चला कि उसके पति के खिलाफ पुलिस ने तरनतारन में जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया है। इस केस के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी, तब से पुलिस उनके पीछे पड़ी है कि रिट वापस ले लो, लेकिन उन्होंने रिट वापस नहीं ली तो बाद में पुलिस ने गुरचेत के खिलाफ कुछ और केस डाल दिए, लेकिन गिरफ्तारी एक बार भी नहीं की, सिर्फ रिट वापस लेने के लिए दबाव बनाती रही। 19 दिसंबर की घटना भी पुलिस की इसी साजिश का नतीजा है।


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