सुबह रहा कोहरा, दोपहर को खिली धूप से मिली राहत
। मौसम में मामूली सुधार के साथ बुधवार दोपहर को खिली धूप ने लोगों को राहत प्रदान की।
राज कुमार राजू,मोगा
मौसम में मामूली सुधार के साथ बुधवार दोपहर को खिली धूप ने लोगों को राहत प्रदान की। हालांकि सुबह के समय अभी भी कोहरा छंटने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस पूरे महीने कड़ाके की सर्दी जारी रहेगी।
शहर में नेचर पार्क, कश्मीरी पार्क, नेहरू पार्क, गुरु नानक कालेज के खेल मैदान में सैकड़ों की संख्या में हर रोज शहरवासी मार्निंग वाक के लिए पहुंचते हैं। इन दिनों लगातार पड़ रहे कोहरे के चलते ओस की बूंदें पेड़ों पर मोतियों की तरह चमकते हुए अनूठी प्राकृतिक छठा बिखेरती हैं। प्रकृति का ये नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती दिखती हैं।
किसान बोले-सर्दी से जान बचाएं, या जानवरों से फसल
हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में सबसे ज्यादा मुश्किल किसानों को आ रही है। शहर के आसपास के क्षेत्र में आवारा जानवरों की लगातार बढ़ रही संख्या किसानों के लिए परेशानी बन रही है। कड़ाके की ठंड में किसानों को मजबूरन फसल बचाने के लिए रात भर खेतों की पहरेदारी करनी पड़ रही है। एक हाथ में टार्च तो दूसरे में लाठी लेकर पहरेदारी करना किसानों के लिए रुटीन बन गई। दैनिक जागरण ने मंगलवार रात को मेहरों रोड पर जाकर देखा तो कई किसान खेतों में पहरा देते हुए नजर आए।
मैहरों रोड पर टार्च लेकर पहरेदारी कर रहे किसान जसविदर सिंह ने बताया कि उसके पास पांच एकड़ जमीन है। मंहगाई के दौर में बच्चों की परवरिश करना काफी मुश्किल हो गया है। वह खेतों में आने वाले पशुओं के झुंड से फसल बचाने के लिए रोजाना शाम सात बजे से लेकर रात 10 बजे तक पहरेदारी करते हैं। सर्दी व बारिश के दिनों में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। दूसरे गांव के लोग छोड़ जाते हैं पशु
किसान जसविदर सिंह ने बताया कि आसपास के गांवों के लोग शहरी हिस्से में पशुओं को छोड़ कर चले जाते हैं, जो उनके फसलों के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। फसल को पशुओं से बचाने के लिए कई किसानों खेतों की मेड़ पर कंटीले तारों की बाउंड्री भी करा रखी है, लेकिन बावजूद इसके गोवंश फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
किसान परमजीत सिंह गिल ने बताया कि आलू, गेंहू, धान या सरसों आदि की फसल को पशु बर्बाद कर रहे हैं। जो किसानों के लिए चिता का विषय बना हुआ है। किसान दिन-रात खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर हैं।