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छह साल की बच्ची ने रखा रोजा, पांच बार नमाज की अता

रमजान के पावन महीने के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं और इबादत में वक्त गुजारते हैं। ऐसा माना जाता है कि माह-ए-रमजान नेकी कमाने का महीना है। इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाते हैं। इसमें कभी-कभी बच्चे भी जो रमजान के दौरान रोजा रखने का महत्व नहीं समझते वह भी अपने वाल्देन की देखा-देखी तथा अल्लाह की राह में समर्पण की भावना से रोजा रख जाते है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 11:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 06:28 AM (IST)
छह साल की बच्ची ने रखा रोजा, पांच बार नमाज की अता
छह साल की बच्ची ने रखा रोजा, पांच बार नमाज की अता

संवाद सहयोगी, मोगा : रमजान के पावन महीने के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं और इबादत में वक्त गुजारते हैं। ऐसा माना जाता है कि माह-ए-रमजान नेकी कमाने का महीना है। इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाते हैं। इसमें कभी-कभी बच्चे भी जो रमजान के दौरान रोजा रखने का महत्व नहीं समझते, वह भी अपने वाल्देन की देखा-देखी तथा अल्लाह की राह में समर्पण की भावना से रोजा रख जाते है। वे छोटी सी उम्र में भूख और प्यास को सह लेते हैं। वैसे भी माह-ए रमजान में 11 वर्ष से नीचे के बच्चों को रोजा न रखने की रियायत दी गई है, फिर भी मोगा वासी सोनू वाहिद की 6 वर्षीय बेटी जियानूर ने रोजा रखकर परिवारिक सदस्यों को अचंभित कर दिया। जिया की मां मोमीना ने भी बेटी के रोजा रखने पर बहुत खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उनका परिवार सभी धर्मो का सत्कार करता है। मोमीना ने बताया कि बेटी ने परिवार के सदस्यों के साथ पांच टाइम नमाज पढ़कर खुदा को याद किया, साथ ही हर रोज की तरह खेलकूद कर समय बिताया। शाम 7 बजे के बाद परिवार के साथ इफ्तारी की।

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