कड़वे शब्द ठेस और मीठे शब्द प्रेम बढ़ाते हैं
गीता भवन में ब्यास पूजा के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह के दौरान पावन धाम हरिद्वार व गीता भवन के महंत स्वामी वेदांत प्रकाश ने कहा कि हमेशा मीठी भाषा बोलें।
संवाद सहयोगी, मोगा : गीता भवन में ब्यास पूजा के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह के दौरान पावन धाम हरिद्वार व गीता भवन के महंत स्वामी वेदांत प्रकाश ने कहा कि हमेशा मीठी भाषा बोलें। हमारे मुख से निकले मीठे वचन मीठे दूसरों को मोहित करते हैं। ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय औरन को भी शीतल करे आपव शीतल होय, एक दोहे का उच्चारण करते उन्होंने कहा कि हमें सदा ही मधुर वाणी का इस्तेमाल करना चाहिए। कड़वे शब्द कभी भी इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। कड़वे शब्द दूसरों के मन को ठेस पहुंचाते हैं और मीठे शब्द आपसी प्रेम बनाते हैं। भगवान कृष्ण ने अवतार लेकर प्रेम का ही पाठ पढ़ाया। श्रीमद् भागवत की कथा करते हुए पंडित पवन गौतम ने कहा कि सांसारिक वस्तुओं की कामना करना ही दुखों का मूल कारण है। सांसारिक सुखों एवं भोगों को भोगने की जैसे ही प्राणी के मन में कामना पैदा होती है तो वह प्राणी परमात्मा से मुख फेर कर अच्छे-बुरे व पाप एवं पुण्य का विचार किए बिना ही काम करना प्रारंभ कर देता है। जैसे-जैसे सांसारिक वस्तुओं की कामना बढ़ती जाती है वैसे-वैसे ही प्राणी व्याकुल होकर क्रोध के वशीभूत होकर कुमार्ग पर चल देता है और दुखों को भोगता है। पंडित जी ने बतलाया कि श्रीमद्भगवत की कथा सुनने से संसार की कामनाएं एवं वासनाएं नष्ट हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सांसारिक कामनाएं दुखों को देने वाली और भगवान की कामना सुख एवं शांति को देने वाली हैं। सभी ने आरती में भाग लेकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। इससे पहले पुजारी राम चंद्र ने मंत्रोच्चारण किया।