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दुकानदारों का आक्रोश देख, नोटिस देने पहुंची निगम की टीम 'भागी'

मोगा पुरानी दाना मंडी में नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच की कार्रवाई का मामला तूल पकड़ गया है। मंगलवार को निगम की बिल्डिंग ब्रांच के असिस्टेंट टाउन प्लानर दमनप्रीत सिंह इंस्पेक्टर हरमंदर सिंह व हरप्रीत सिंह दोपहर में जैसे ही हाल ही जिन दुकानों के आगे शेड बनाए गए थे को नोटिस देने पहुंचे तो दुकानदारों का गुस्सा भड़क गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 10:42 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:10 AM (IST)
दुकानदारों का आक्रोश देख, नोटिस देने पहुंची निगम की टीम 'भागी'
दुकानदारों का आक्रोश देख, नोटिस देने पहुंची निगम की टीम 'भागी'

जागरण संवाददाता, मोगा

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पुरानी दाना मंडी में नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच की कार्रवाई का मामला तूल पकड़ गया है। मंगलवार को निगम की बिल्डिंग ब्रांच के असिस्टेंट टाउन प्लानर दमनप्रीत सिंह, इंस्पेक्टर हरमंदर सिंह व हरप्रीत सिंह दोपहर में जैसे ही हाल ही जिन दुकानों के आगे शेड बनाए गए थे, को नोटिस देने पहुंचे तो दुकानदारों का गुस्सा भड़क गया। इस दौरान दुकानदारों ने जिला भाजपा के उपाध्यक्ष सुनील गर्ग एडवोकेट को सूचना देकर मौके पर बुलाया। मगर, उनके आने तक दुकानदारों के आक्रोश को देखते हुए निगम की टीम वहां से जा चुकी थी। बाद में आक्रोशित दुकानदारों ने मंडी बंद कर निगम की कार्रवाई का विरोध किया। वहीं दुकानदारों ने बुधवार को निगम की कार्रवाई के खिलाफ दाना मंडी को बंद रखने का फैसला लिया है।

जिला भाजपा उपाध्यक्ष सुनील गर्ग एडवोकेट ने निगम अधिकारियों को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि दुकानदारों को निगम लूटना बंद कर दे अन्यथा अभी तो मंडी बंद कराई है, निगम का गैरकानूनी कार्रवाई जारी रहेगी, तो पूरा शहर बंद कराया जाएगा। कोरोना काल में पहले ही व्यापारियों का काम ठप है। इस समय निगम की कार्रवाई उनके साथ अत्याचार है, इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब तक जो भी निगम कमिश्नर आते रहे हैं वे सॉफ्ट टारगेट बनाकर मंडी के दुकानदारों को लूटते रहे हैं, लेकिन अब ये लूट और नहीं होने दी जाएगी।

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निगम की कार्रवाई पर उठे सवाल

निगम की बिल्डिंग ब्रांच अपने ही बुने जाल में फंस गई है। 28 जून को मंडी में एक ही शेड ध्वस्त करने के बाद बिल्डिंग इंस्पेक्टर हरमिदर सिंह ने निगम कमिश्नर को रिपोर्ट दी थी कि मौके पर एक ही शेड डाला जा रहा था। बाकी जगह सिर्फ मटीरियल पड़ा था। शेड नहीं बने थे। वहीं दूसरी ओर एटीपी दमनप्रीत सिंह दावा कर रहे हैं कि चार-पांच नए शेड बने हैं, जिन्हें वे नोटिस देने गए थे। सवाल उठता है कि रविवार को सिर्फ एक शेड बना था तो अब पांच शेड कहां से आ गए? सच्चाई यह है कि एक सप्ताह में मंडी में 19 नए शेड बने हैं, लेकिन नोटिस पांच को ही दिया गया है। इसमें बिल्डिंग ब्रांच का पक्षपात साफ नजर आ रहा है।

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दुकानदार बदसुलूकी पर उतरे : एटीपी

एटीपी दमनप्रीत सिंह, इंस्पेक्टर हरमंदर सिंह व बिल्डिंग इंस्पेक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि हाल ही में मंडी में चार-पांच दुकानों के आगे नए शेड बने हैं। वे उन्हें नोटिस देने गए थे कि अगर दस दिन में उन्होंने खुद शेड ध्वस्त नहीं किए तो निगम उन्हें ध्वस्त कर देगी। मगर, दुकानदार उनके साथ बदसुलूकी पर उतर आए। उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाली, जिसकी रिपोर्ट वे निगम कमिश्नर को सौंपेंगे।

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जिला भाजपा उपाध्यक्ष सुनील गर्ग ने बताया कि निगम मालिकी का हक सिविल कोर्ट से 1967 में हारी है। बाद में निगम ने सेशन कोर्ट में अपील की थी, वह भी हार चुकी है। खुद ही रिट पिटीशन डलवाकर निगम के अधिकारियों ने जेबें गर्म करने का धंधा बनाया है, जिसे अब और नहीं चलने दिया जाएगा। निगम को अगर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करनी है तो तुरंत कर ले। अदालत में निगम अधिकारियों को कानून से ही जबाव देंगे। विरोध करने वालों में कांग्रेस नेता रमेश कुक्कू व रमन मक्कड़ भी शामिल थे।


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