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नीला कार्ड धारक को गेहूं आवंटन में हेराफेरी, तुलाई में निकला कम

मोगा पंजाब सरकार द्वारा नीला कार्ड धारकों को उपलब्ध करवाई जाने वाली सस्ती गेहूं में डिपो संचालक द्वारा हेराफेरी करने का मामला सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 10:33 PM (IST)
नीला कार्ड धारक को गेहूं आवंटन में हेराफेरी, तुलाई में निकला कम
नीला कार्ड धारक को गेहूं आवंटन में हेराफेरी, तुलाई में निकला कम

राज कुमार राजू, मोगा

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पंजाब सरकार द्वारा नीला कार्ड धारकों को उपलब्ध करवाई जाने वाली सस्ती गेहूं में डिपो संचालक द्वारा हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। इसका पता चलते पर नीला कार्ड धारकों ने डिपो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस बारे में पीड़ित नीला कार्ड धारक ने डिपो संचालक पर आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा भेजे गए 30 किलो के गट्टे में उसे 25 किलो 800 ग्राम ही गेहूं मिला है। इसका पता उसे उस समय लगा जब वह आटा चक्की पर गेहूं देने पहुंचा। आरोप है कि जब उसने इस बारे में डिपो संचालक से बात की, तो डिपो संचालक ने कहा कि इसके बदले में उन्हें सरकार कोई पैसा नहीं देती है, वह इसे मुफ्त में बांट रहे हैं।

इस बारे में नीला कार्ड धारक हरगोबिद नगर के सूरजभान ने बताया कि वह लगभग 10 दिन पहले चौक सेखां के पास राजकुमार डिपो होल्डर से अपने नीले कार्ड पर 30 किलो गेहूं का गट्टा लेकर घर आया। इसके बाद जब वह आटा चक्की पर इसे पिसाने के लिए पहुंचा, तो वहां गेहूं का वजन 25 किलो 800 ग्राम निकला। इस बारे में जब उसने डिपो संचालक व उसके परिवार से बात की, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह तो मुफ्त में गेहूं दे रहे हैं। इसे बांटने के लिए उन्हें कोई पैसा नहीं मिलता है।

उधर, इस बारे में समाजसेवी जगदीप सिंह जग्गा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा जरूरतमंद नीला कार्ड धारकों को सस्ते में गेहूं व दाल उपलब्ध करवाने की योजना चलाई हुई है। मगर, डिपो संचालक अपनी मर्जी से गेहूं बांट रहे हैं। तीस किलो की जगह 25 किलो गेहूं मिलना इस बात का सुबूत है कि सरकार द्वारा पूरा गेहूं भेजा जा रहा है, लेकिन बीच में ही डिपो संचालक हेराफेरी करके अपना चूल्हा जला रहे हैं।

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उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाएंगे मामला

समाजसेवी जगदीप सिंह जग्गा ने कहा कि उनके द्वारा आगामी दिनों में इस बारे में डीसी व अन्य अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा, ताकि शहर के अन्य नीला कार्ड धारकों के साथ कोई खिलवाड़ न हो। उन्होंने बताया कि पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

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हमने गेहूं दिया था पूरा

इस बारे में डिपो संचालक राजकुमार से संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु वह उपलब्ध नहीं हुए। वहीं इस बारे में डिपो संचालक के बेटे कर्ण ने बताया कि उनके द्वारा डिपो से नीला कार्ड धारक उपभोक्ता को पूरा गेहूं दिया गया था। उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

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कम होने पर पूरा देता होता है गेहूं

इस बारे में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सब डिवीजनल इंचार्ज जगदीप सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा कई बार खुला या बंद बोरियों में गेहूं भेजा जाता है। अगर किसी कार्ड धारक का गेहूं बोरी में कम पाया जाता है, तो डिपो संचालक की जिम्मेवारी है कि उसे पूरा करके दिया जाए।


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