फसलों के अवशेष मिला बढ़ाई खेतों की उर्वरा शक्ति
मोगा गांव सिघावाला का किसान गुरचरण सिंह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है। यह जानकारी जिले के मुख्य कृषि अधिकारी बलविदर सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि किसान गुरचरण सिंह एक ऐसे किसान हैं जो हर वर्ष फसलों के विविधीकरण में लगे हुए हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा भी बन रहे हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा
गांव सिघावाला का किसान गुरचरण सिंह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है। यह जानकारी जिले के मुख्य कृषि अधिकारी बलविदर सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि किसान गुरचरण सिंह एक ऐसे किसान हैं जो हर वर्ष फसलों के विविधीकरण में लगे हुए हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा भी बन रहे हैं। गुरचरण सिंह पिछले 10 वर्षो से अपने खेतों में गेहूं, मक्की, मक्का, आलू, धान, चना व सरसों आदि की खेती कर रहा है। वह पराली व अन्य फसलों के अवशेषों को भी खेतों में ही मिलाते हैं।
इस बारे में किसान गुरचरण सिंह ने बताया कि विविध खेती न केवल खेती उर्वरता को बढ़ाती है बल्कि कीटनाशक के उपयोग को भी कम करती है और हर वर्ष मुनाफा बढ़ाती है। वह पिछले चार वर्षो से खेतों में फसल अवशेषों को मिला रहा है, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति हर वर्ष बढ़ रही है।
गुरचरण सिंह ने बाकी किसानों से भी अपील की है कि वे गेहूं और धान की खेती की बजाय विविध फसलों की खेती करें, ताकि पंजाब भविष्य में और समृद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों को पारंपरिक फसल चक्र से बाहर आने की आज आवश्यकता है। किसानों को फसल विविधीकरण की ओर बढ़ना चाहिए। शुरुआत में मेहनत जरूर करनी पड़ती है, लेकिन फल बड़ा मिलता है।
इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी बलविदर सिंह ने गुरचरण सिंह की सराहना की। उन्होंने कहा कि अन्य किसानों को भी गुरचरण सिंह से मार्गदर्शन लेना चाहिए और फसल विविधीकरण की ओर बढ़ना चाहिए। उन्हें पराली को आग लगाने के बजाय इसे खेत में ही मिलाना चाहिए।