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अदालत के आदेश पर वारंट लेकर एएसआइ की जगह पहुंचा कारिदा

चेक बाउंस के एक पुराने मामले में गवाह का गिरफ्तारी वारंट लेकर थाना साउथ सिटी के जिस एएसआइ को जीरा (फिरोजपुर) भेजा गया था उसकी जगह एक अन्य व्यक्ति दूसरे मुलाजिम के साथ जा पहुंचा गवाह को गिरफ्तार करने की बजाय पीड़ित से पांच हजार रुपये की राशि अदालत में जमा कराने के नाम पर ले आया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:23 AM (IST)
अदालत के आदेश पर वारंट लेकर एएसआइ की जगह पहुंचा कारिदा
अदालत के आदेश पर वारंट लेकर एएसआइ की जगह पहुंचा कारिदा

जागरण संवाददाता, मोगा : चेक बाउंस के एक पुराने मामले में गवाह का गिरफ्तारी वारंट लेकर थाना साउथ सिटी के जिस एएसआइ को जीरा (फिरोजपुर) भेजा गया था, उसकी जगह एक अन्य व्यक्ति दूसरे मुलाजिम के साथ जा पहुंचा, गवाह को गिरफ्तार करने की बजाय पीड़ित से पांच हजार रुपये की राशि अदालत में जमा कराने के नाम पर ले आया। एसएसपी मोगा की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पीड़ित दुकानदार को उपलब्ध कराई गई जानकारी में भी एएसआइ की हेराफेरी के मामले का भंडाफोड़ हो चुका है। रिकॉर्ड में जिस तिथि में एएसआइ ने छापे की एंट्री की है, आरटीआइ में दी गई जानकारी में एसएसपी के हस्ताक्षर से साफ तौर पर कहा गया है कि उपरोक्त स्थिति में एएसआइ ने रेड नहीं की।

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समाधि रोड जीरा (फिरोजपुर) में रहने वाले व्यक्ति ने एसएसपी मोगा से शिकायत की थी कि उसका मोगा की एक अदालत में चेक बाउंस का केस विचाराधीन है। इस मामले में जीरा के ही निवासी सन्नी कुमार गवाह था। किसी कारण सन्नी कुमार अदालत में पेश नहीं हो रहा था, तो अदालत ने सन्नी कुमार के गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे। अदालत के आदेश पर अमल करने की जिम्मेदारी थाना साउथ सिटी के एएसआइ को इसी साल 16 मार्च को सौंपी गई थी। एएसआइ ने अदालत को सौंपी रिपोर्ट में लिखा था कि सन्नी कुमार निवासी मंदिर वाली गली (जीरा) के घर पहुंचकर 16 मार्च को छापा मारा गया, उसके मकान में ताला लगा था, पड़ोसियों ने बताया कि वह मेन बाजार जीरा में स्थित हलवाई की दुकान पर काम करता है। बाद में एएसआइ ने हलवाई की दुकान पर रेड की तो वहां सन्नी कुमार नहीं मिला, वहां सुरजीत सिंह नामक व्यक्ति मौके पर मिला, उसने बताया कि किसी काम के संबंध में सन्नी बाहर गया है।

एसएसपी ऑफिस में राजीव कुमार जैन की ओर से की गई शिकायत में कहा है कि असल में 16 मार्च को संबंधित एएसआइ सन्नी की गिरफ्तारी के लिए पहुंचा ही नहीं, उसके स्थान पर थाना साउथ सिटी में पुलिस मुलाजिमों की ओर से तैनात किया एक कारिदा व अन्य मुलाजिम पहुंचे थे। उस समय सन्नी कुमार दुकान में ही मौजूद था, उसे गिरफ्तार न करने के एवज में वहां से पांच हजार रुपये लिए गए। ये पूरा मामला हलवाई की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। शिकायतकर्ता ने इसकी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी एसएसपी को शिकायत के साथ दी थी।

पहले इस मामले की जांच एक राजपत्रित अधिकारी को सौंपी गई थी, लेकिन इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय शिकायकर्ता को पांच हजार रुपये वापस दिलाने का ऑफर दिया गया। बाद में शिकायतकर्ता दोबारा एसएसपी के समक्ष पेश हुआ और एसएसपी ने दो महीने पहले दोबारा इस मामले की जांच एसपी (एच) रतन सिंह बराड़ को सौंपी है। पीड़ित का कहना है कि इस मामले में अभी तक कार्रवाई की बजाय उसके पास राजनीतिक लोगों के फोन समझौते के लिए आ रहे हैं। मामले की जांच चल रही है, दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने के बाद जल्द जांच पूरी कर एसएसपी को सौंप दी जाएगी।

एसपी (एच) मोगा, रतन सिंह बराड़


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