हड़ताल के कारण यात्री बेहाल, महिलाओं से फ्री बस सफर की सुविधा छिनी
। पंजाब सरकार और पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के बीच चल रही लड़ाई में मंगलवार को यात्री फंसे रहे।
संवाद सहयोगी,मोगा
पंजाब सरकार और पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के बीच चल रही लड़ाई में मंगलवार को यात्री फंसे रहे। पनबस व पीआरटीसी की 48 बसें बस अड्डे के अंदर खड़ी रहीं, सिर्फ रोडवेज की 22 बसें ही चलीं लेकिन लंबे रूट की इन बस के कंडक्टर रास्ते की सवारियां बैठाने से गुरेज करते रहे। हड़ताल के चलते महिलाओं से फ्री बस सफर की सुविधा भी छिन गई। पनबस की हड़ताल के चलते दिन भर रोडवेज की बसें बड़ी संख्या में बस अड्डे के बाहर सवारियां ढोती दौड़ती रहीं। हड़ताल के चलते करीब चार लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बस अड्डा बंद होने के बाद जिस प्रकार से सरकार ने राजस्व के नुकसान के आरोप में हड़ताली मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज कराया था, उससे मुलाजिमों का आंदोलन और तेज हो गया है। पुलिस अभी तक एफआइआर दर्ज होने के बाद किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है, इस बीच मुलाजिमों ने मंगलवार की सुबह से ही फिर से बस अड्डे के बाहर बसों को नहीं निकलने दिया। मोगा डिपो में करीब 200 बस कंडक्टर व ड्राइवर ठेके पर काम कर रहे हैं।
हड़ताल के चलते पनबस की मोगा डिपो से 43 बसें पनबस की व पांच मिनी बसें नही चलीं। हड़ताल करने वाली यूनियन के नेता सूबा सिह, बलजिदर सिंह, गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले कई वर्षों से आउटसोर्सिंग व कांट्रैक्ट बेस पर काम करते यूनियन के सदस्यों को रेगुलर करने के लिए 14 सितंबर को कैप्टन अमरिदर सिंह ने वादा किया था कि जो तीन वर्ष से कार्य कर रहे हैं उन्हें रेगुलर किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी के आपसी कलह के कारण मुख्यमंत्री व ट्रांसपोर्ट मंत्री बदल गए जिसके बाद नए मुख्यमंत्री व ट्रांसपोर्ट मंत्री ने भी यूनियन से बैठक के बाद उनकी मांग को तो मान लिया लेकिन आज तक इन्हें लागू नहीं किया।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी जिन कर्मियों को रेगुलर करने की घोषणा की है उनमें कार्पोरेशन व बोर्ड के कर्मियों को बाहर रखा गया है। जिसके कारण उनकी रेगुलर होने की मांग लटक गई है। इसी फैसले के खिलाफ उन्होंने हड़ताल शुरू की है। प्राइवेट बसें हावी रहीं
बाघापुराना जाने वाली हरजीत कौर, कोटकपूरा जाने के लिए इंतजार करती मिली कर्मवीर कौर, लुधियाना जाने वाली सिमरन दीप का कहना है कि आज बस में उनके आधार कार्ड भी नहीं चल रहे हैं। ज्यादातर प्राइवेट बसें चल रही हैं, लेकिन जो सरकारी बसें चल रही हैं, उन्हें भी उनके कार्ड नहीं लिए जा रहे हैं, पूरे पैसे मांगे जा रहे हैं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार झूठे वादे करने बंद करे, एक तरह महिलाओं को फ्री बस सुविधा की बात की जा रही है दूसरी तरफ मुलाजिमों को रेगुलर न करने से उनकी सुविधा छीनी जा रही है।