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अदालत के फैसले से पहले ही चर्च की जमीन की कर दी रजिस्ट्री

चर्च की करोड़ों रुपये कीमत की जमीन का विवाद अदालत में विचाराधीन होने के दौरान ही एक व्यक्ति ने रजिस्ट्री कुछ लोगों के नाम कर दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 11:43 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 11:43 PM (IST)
अदालत के फैसले से पहले ही चर्च की जमीन की कर दी रजिस्ट्री
अदालत के फैसले से पहले ही चर्च की जमीन की कर दी रजिस्ट्री

जागरण संवाददाता, मोगा : चर्च की करोड़ों रुपये कीमत की जमीन का विवाद अदालत में विचाराधीन होने के दौरान ही एक व्यक्ति ने रजिस्ट्री कुछ लोगों के नाम कर दी। इससे पहले भी चर्च की जमीन यही व्यक्ति कई अन्य लोगों को चर्च के ट्रस्ट से मिलती-जुलती एसोसिएशन का पदाधिकारी होने का दावा कर जमीन बेच चुका है। ये मामले वर्तमान में अदालतों में विचाराधीन हैं।

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लुधियाना से मोगा पहुंचे चर्च की जमीनों की देखरेख करने वाले पादरी व जनरल अटॉर्नी अविनाश कुमार ने जो डॉक्यूमेंट मीडिया के सामने रखे उनमें एक जमीन के कई साल पहले खरीददार पूर्व विधायक जोगिदर पाल जैन व अन्य लोगों के नाम भी इंतकाल में दर्ज है। हालांकि विधायक जोगिदर पाल जैन पक्ष का कहना है कि उन्होंने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करके ही जमीन खरीदी है। इस मामले में विचार के लिए चर्च में ईसाई समुदाय के लोग एकत्र हुए थे। उस समय हंगामे के हालात बन गए एक एक ईसाई नेता ने जमीन की बिक्री में ईसाई समुदाय के कुछ लोगों का ही हाथ होने की बात कह दी।

पादरी अविनाश कुमार ने बताया कि यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉदर्न इंडिया ट्रस्ट की जमीन के खसरा नं. 410 व 411 पर चर्च के सेंट थॉमस स्कूल व मिशन स्कूल चलते हैं। मिशन स्कूल 110 साल पुराना है, जबकि खसरा संख्या 411 में बना सेंट थॉमस स्कूल 80 साल पुराना है। क्लेरेंस बंसीलाल नामक एक व्यक्ति ने यूसीएनआईटीए से मिलती जुलती एसोसिएशसन बनाकर जीरा में उसका मुख्यालय होने का दावा कर ट्रस्ट की जमीन काफी लंबे समय से बेच रहा है, जबकि जीरा में उसका कोई मुख्यालय नहीं है। अभी तक उसने कुछ लोगों के नाम जमीनों का एग्रीमेंट भी फर्जी डॉक्यूमेंट से किया था।

पादरी अविनाश कुमार ने बताया कि साजिश के तहत क्लेरेंस बंसीलाल ने जिन चार लोगों के नाम एग्रीमेंट कराया था, वे क्लेरेंस के खिलाफ अदालत में चले गए कि वह एग्रीमेंट के बाद रजिस्ट्री नहीं करा रहा है। योजनाबद्ध ढंग से एकपक्षीय फैसले के बाद याचिका करने वालों के नाम जमीन की रजिस्ट्री होना आसान हो जाती, उससे पहले ही ट्रस्ट इस मामले में एपीयर हो गया। मामले अदालत में सुनवाई की अगली तिथि 29 जुलाई निश्चित की है। अभी अदालत का फैसला आता उससे पहले ही कुछ दिन पहले क्लेरेंस ने फिरोजपुर के कुछ लोगों के नाम रजिस्ट्री करा दी। इन लोगों ने शनिवार को मोगा में आकर कब्जा लेने की भी कोशिश की, जिससे दो पक्षों में टकराव के हालात पैदा हो गए थे। एक पक्ष राजनीति में खास दबदबा रखने के कारण पुलिस की मदद से कब्जे के प्रयास को विफल कर दिया।


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