Poonch: तीन महीने के मासूम ने दी बलिदानी पिता को मुखाग्नि, हर किसी ने नम आंखों से दी शहीद कुलवंत सिंह को विदाई
Kulwant Singh सेना के अधिकारी शनिवार सुबह करीब 10 बजे शहीद कुलवंत सिंह की पार्थिव देह लेकर गांव चड़िक पहुंचे थे। पार्थिव देह पहुंचने से पहले ही गांव में करीब एक किलोमीटर लंबी लाइन में हाथों में तिरंगा लिए शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच गए थे।
मोगा, सत्येन ओझा। जम्मू कश्मीर के पुंछ आतंकी हमले में शहीद होने वाले कुलवंत सिंह को शनिवार को पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव चड़िक में अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा में गांव चड़िक ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। हाथों में तिरंगा लेकर लोग कुलवंत सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। अमर रहे के नारे के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई।
कुलवंत का पूरा परिवार सदमे में है। कुलवंत की मां और पत्नी ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया। अंतिम संस्कार के समय वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें उस समय नम हो गई जब शहीद को उसके तीन महीने के मासूम बेटे ने चिता को अग्नि दी। बेटे को शायद पता ही नहीं था कि आखिर वह क्या कर रहा था, बस मां और परिवार के अन्य लोगों को देख वह भी लगातार रोए जा रहा था।
सरकार के प्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार में पंजाब सरकार के प्रतिनिधि के रूप में डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह के अलावा एसएसपी जे एलनचेजियन, फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहम्मद सद्दीक, मोगा विधानसभा की विधायक डा.अमनदीप कौर, निहालसिंह वाला के विधायक मंजीत सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह, जिलाध्यक्ष डा.सीमांत गर्ग, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह काका लोहगढ़ ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
तिरंगे में लिपटकर आया पार्थिव शरीर
सेना के अधिकारी शनिवार सुबह करीब 10 बजे शहीद कुलवंत सिंह की पार्थिव देह लेकर गांव चड़िक पहुंचे थे। पार्थिव देह पहुंचने से पहले ही गांव में करीब एक किलोमीटर लंबी लाइन में हाथों में तिरंगा लिए शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच गए थे। जैसे ही शहीद की पार्थिव देह गांव के शमशान घाट में पहुंची, शहीद के शव को सैनिकों की टुकड़ी ने हथियार झुकाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। सभी ने कुलवंत सिंह की शहादत को सलाम किया।