एसएसपी के आदेश पर भारी पड़ी सियासत
पूर्व सरपंच व उसके बेटे को थाने में अवैध रूप से रखने के मामले में आखिरकार एसएसपी के आदेश पर बाघापुराना के कांग्रेस विधायक दर्शन सिंह बराड़ भारी पड़े।
सत्येन ओझा/दीपक शर्मा, मोगा : पूर्व सरपंच व उसके बेटे को थाने में अवैध रूप से रखने के मामले में आखिरकार एसएसपी के आदेश पर बाघापुराना के कांग्रेस विधायक दर्शन सिंह बराड़ भारी पड़े। डीएसपी बाघापुराना जसपाल सिंह धामी की जांच के बाद थाना समालसर के प्रभारी गुरमीत सिंह को मौखिक रूप से सस्पेंड करने का आदेश भी दिया गया था। इस आदेश के बाद थाना प्रभारी एसएसपी ऑफिस में बेल्ट उतारकर पहुंचे थे, ऐसा तभी होता है जब किसी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाता है, लेकिन एसएसपी ऑफिस से बाहर निकले तो चेहरा खिला हुआ था वापस बेल्ट भी पहन ली थी। माना जा रहा है कि उस समय तक विधायक का दबाव असर कर चुका था।
एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा का कहना है कि उन्होंने थाना प्रभारी को सस्पेंड करने का कोई आदेश जारी नहीं किया, उधर विधायक दर्शन सिंह बराड़ का कहना है कि थाना प्रभारी को सस्पेंड करने का आदेश गलत था, उसे बिना गलती की सजा दी गई थी, इसलिए थाना प्रभारी का साथ दिया। बता दें कि एसएसपी को सोमवार को शिकायत की गई थी कि गांव सेखां निवासी पूर्व सरपंच चमकौर सिंह व उनके बेटे वेटरनरी डॉक्टर डॉ. गुरचरन सिंह को पत्नी के साथ विवाद के मामले में दो दिन से थाना समालसर में लाकर बैठा लिया गया था। पुलिस न तो उनके खिलाफ कोई केस दर्ज कर रही थी न ही उन्हें छोड़ रही थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच डीएसपी बाघापुराना जसपाल सिंह धामी को सौंपी थी। साथ ही हिदायत दी थी कि मौके पर जांच में मामला सही पाया गया तो न सिर्फ थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया जाये, बल्कि उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी जाय।
डीएसपी ने मौके पर आरोप सही पाए तो थाना प्रभारी को सस्पेंड कराने के आदेश जारी कर दिए, हालांकि डीएसपी एफआइआर कराने के पक्ष में नहीं थे। थाना प्रभारी के सस्पेंशन की घोषणा की जानकारी बाघापुराना के विधायक दर्शन सिंह बराड़ के पास पहुंची तो वे सक्रिय हो गए। उन्होंने थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई को पूरी तरह गलत करार देते हुए कार्रवाई का विरोध किया।
इस बीच एसएसपी ने सोमवार दोपहर लगभग सवा दो बजे थाना प्रभारी समालसर इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को तलब कर लिया। सस्पेंशन की घोषणा होने के कारण इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ने एसएसपी ऑफिस में घुसने से पहले अपनी बेल्ट उतारकर थाना मुलाजिम को दे दी। सस्पेंशन के मामले में ये जरूरी होता है। उस समय तक विधायक अपना पक्ष वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा चुके थे। बाद में इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह एसएसपी ऑफिस से बाहर निकले तो चेहरे पर खुशी थी, बेल्ट भी उन्होंने निकलते ही वापस पहन ली, जो इस बात का संकेत था कि लिखित में उनके सस्पेंशन के आदेश जारी नहीं हुए।