लुटेरों के लिए होटल का रूम बुक करवाने वाले नेता को बचा रही पुलिस!
तरनतारन के कस्बा पट्टी में पुलिस मुठभेड़ के बाद फरार हुए लूट के दो आरोपितों ने मोगा के एक होटल में शरण ली थी।
जागरण संवाददाता.मोगा
तरनतारन के कस्बा पट्टी में पुलिस मुठभेड़ के बाद फरार हुए लूट के दो आरोपितों ने मोगा के एक होटल में शरण ली थी। उनके लिए होटल में एक कांग्रेस नेता ने रूम बुक कराया था। इस मामले में सत्ता के दबाव में अब मोगा पुलिस ने पट्टी पुलिस के पाले में गेंद फेंककर अपना पल्ला छुड़ा लिया है।
इस संबंध में धर्मकोट के डीएसपी सुबेग सिंह से पूछा गया कि क्या जिस नेता ने लुटेरों के लिए कमरा बुक कराया था, कानून की भाषा में ये अपराध है या नहीं। डीएसपी ने इस पर जबाव दिया कि किसी के कहने पर कमरा बुक करा दिया था। इसका मतलब तो ये नहीं है कि वह भी दोषी हो गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई व्यक्ति किसी भी अज्ञात व्यक्ति के लिए कमरा बुक करा दे। जांच में वह बड़े अपराधी निकले तो कमरा बुक कराने वाले को कोई दोष नहीं है, इस पर डीएसपी ने पैंतरा बदलते हुए कहा कि मामला पट्टी पुलिस जांच कर रही है। इस बात की जबाव भी पट्टी पुलिस ही देगी। उधर, पट्टी पुलिस के डीएसपी कुलजिदर सिंह के मोबाइल फोन की इनकमिग सुविधा बंद है।
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार पट्टी में 18 जनवरी को लूट के कुछ आरोपितों के साथ मुठभेड़ हुई थी। मौके पर ही पुलिस ने चार को गिरफ्तार कर लिया था। एक लूटेरा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि दो आरोपितों ने मोगा के बुग्गीपुरा चौक स्थित एक होटल में कमरा बुक कराकर शरण ली थी। ये कमरा खुद को कांग्रेस नेता बताने वाले एक व्यक्ति ने बुक कराया था। हालांकि इस नेता के पास पार्टी में कभी कोई पद नहीं रहा लेकिन नगर निगम चुनाव के लिए उसने कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन किया है।
पट्टी पुलिस मोबाइल फोन की लोकेशन को ट्रेस करती हुई बुधवार को मोगा पहुंची थी। पुलिस ने शहर के बाहरी क्षेत्र में बुग्गीपुरा चौक स्थित होटल के कमरे से दोनों लूट के आरोपितों को हिरासत में लेकर पट्टी रवाना हो गई थी। मामला गंभीर था, इस कारण मोगा के पुलिस अधिकारी भी होटल में पहुंचे थे। पुलिस ने होटल का रिकार्ड खंगाला तो पता चला कि लूट के दोनों आरोपितों के लिए कांग्रेस का नेता बताने वाले व्यक्ति ने होटल बुक कराया था, पुलिस ने तत्काल नेता को फोन करके उसे थाना मैहना बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी। बाद में सत्ता का दबाव पड़ा तो उसे थाने से ही छोड़ दिया।
गौरतलब है कि इस समय नगर निगम के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विपक्ष इस मुद्दे को कैश न कर ले, इसलिए आनन-फानन में मोगा पुलिस पूरे मामले पर पर्दा डालने पर लगी है।