वार्ड-19 में टूटी सड़कों से लोग परेशान, गंदगी से बीमारियां फैलने का डर
वार्ड नंबर 19 में जहां टूटी सड़कों से लोग परेशान हैं वहीं इलाके में फैली गंदगी से भी लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। वार्ड की नालियों में गंदगी इस कदर भरी हुई है कि वह छप्पड़ का रूप ले चुकी हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा : वार्ड नंबर 19 में जहां टूटी सड़कों से लोग परेशान हैं, वहीं इलाके में फैली गंदगी से भी लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। वार्ड की नालियों में गंदगी इस कदर भरी हुई है कि वह छप्पड़ का रूप ले चुकी हैं।
मोगा के पहाड़ा सिंह चौक के पास रहने वाले जग्गा सिंह ने बताया कि मोगा के पहाड़ा सिंह चौक के आसपास गंदगी का आलम छाया रहता है, लेकिन पहाड़ा सिंह चौक से खूनी मसीत को जाने वाली सड़क के साथ बनी नाली इस कदर गंदगी से भरी रहती है कि जैसे एक तलाब का रूप ले लिया हो। उन्होंने कहा कि इसके बारे में कई बार पार्षद को भी अवगत करवाया गया है, लेकिन नगर निगम द्वारा सफाई कर्मचारियों की तैनाती न करने के कारण वह गंदगी के माहौल में रहने को मजबूर हैं।
टूटी सड़कों पर पैदल चलना भी है मुश्किल
खूनी मसीत के पास रहने वाले चमकौर सिंह ने कहा कि खूनी मसीत से लेकर मोगा के मेन बाजार को जाने वाली सड़क जिस पर बाबा मंगल दास के नाम से एक धार्मिक स्थल भी है। इस सड़क की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि वहां पैदल चलना भी दुश्वार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर लोगों द्वारा अपने निजी खर्चे पर मिट्टी व मलबा डालकर कुछ राहत पाने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी सुधार नहीं हो रहा है।
मोहल्ला वासियों ने बनाया है क्लब खुद करते हैं सफाई
खूनी मसीत व वार्ड नंबर 19 में रहने वाले कुछ युवाओं ने मोहल्ले को स्वच्छता अभियान साकार करने को लेकर एक क्लब बनाया हुआ है, जिसके द्वारा युवा मोहल्ले की गलियों में साफ सफाई करने का काम करते है। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा उनके वार्ड में सफाई कर्मचारियों की तैनाती सही ढंग से नहीं की गई है, जिसके कारण वार्ड की गलियों में सफाई का कार्य सुचारू ढंग से नहीं हो पा रहा है । ऐसे में वह कूड़े करकट वह गंदगी भरे माहौल में जीने को मजबूर थे । उन्होंने खुद ही झाड़ू उठाकर गलियों को साफ करने का प्रण लिया है।
निगम में नहीं होती सुनवाई : बोहड़ सिंह
वार्ड नंबर 19 की पार्षद दलबीर कौर के पति बोहड़ सिंह ने कहा कि वार्ड वासियों के सहयोग उनको पूर्ण तौर पर मिलता है। नगर निगम में उनकी मांगों की कोई सुनवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि सड़कों की दशा न सुधारने समेत वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या जरूरत के हिसाब से कम है।