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Parkash Singh Badal: प्रकाश सिंह बादल के लिए मोगा रहा भाग्यशाली, तीन बार यहीं से हुई थी जीत

Parkash Singh Badal मोगा के गांव किली चाहला में हुई इस रैली में मोगा-लुधियाना हाइवे पर 20-25 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइनें लग गई थीं। रैली में जुटी भीड़ ने राजनीतिक दिग्गजों को चौंका दिया था इतनी बड़ी रैली पंजाब के दूसरे जिलों में नहीं हो सकीं।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Wed, 26 Apr 2023 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2023 05:00 AM (IST)
Parkash Singh Badal: प्रकाश सिंह बादल के लिए मोगा रहा भाग्यशाली, तीन बार यहीं से हुई थी जीत
Parkash Singh Badal: प्रकाश सिंह बादल के लिए मोगा रहा भाग्यशाली, तीन बार यहीं से हुई थी जीत

मोगा, जागरण संवाददाता। पांच बार मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब सरकार की कमान संभाल चुके सरदार प्रकाश सिंह बादल के लिए मोगा राजनीतिक रूप से काफी ‘लकी’ साबित हुआ। पांच में से तीन बार 1997, 2007 और 2012 अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल ने मोगा से चुनाव प्रचार का बिगुल फूंका और वे राज्य की सत्ता में काबिज हुए।

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साल 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए भी आठ दिसंबर 2016 को प्रकाश सिंह बादल ने अपने जन्मदिन के मौके पर मोगा से ही पानी बचाओ -पंजाब बचाओ रैली मिशन-2017 का आगाज किया था, भले ही प्रकाश सिंह बादल इस बार सत्ता में हेट्रिक बनाने से चूक गए लेकिन मोगा की ये रैली राजनीतिक इतिहास में लंबे समय तक याद रहेगी।

मोगा के गांव किली चाहला में हुई इस रैली में मोगा-लुधियाना हाइवे पर 20-25 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइनें लग गई थीं। रैली में जुटी भीड़ ने राजनीतिक दिग्गजों को चौंका दिया था, इतनी बड़ी रैली पंजाब के दूसरे जिलों में नहीं हो सकीं। ये अलग बात है कि उस समय बदलाव की बयार ने प्रकाश सिंह बादल का सत्ता की हेट्रिक का सपना पूरा नहीं होने दिया।

हालांकि 2022 के चुनाव आते-आते बादल शारीरिक रूप से पहले की स्वस्थ नहीं रह गए थे, भले ही इस बार भी चुनाव का शंखनाद मोगा से ही शुरू हुआ था, लेकिन ये माहौल पूरी तरह बदला हुआ था, भाजपा से उनका पुराना गठबंधन टूट चुका था।

मोगा में प्रकाश सिंह बादल के बड़े स्तंभ और उनकी अभूतपूर्व रैलियों का मोगा में प्रबंधन करने वाले जत्थेदार तोतासिंह भी शारीरिक रूप से इस कदर कमजोर हो चुके थे कि वे इस रैली में महज कुछ समय के लिए ही पहुंच सके थे। उन्हें रैली के बीच में से ही वापस जाना पड़ा था।


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