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डिलीवरी केबाद चार बार आपरेशन के मामले में नहीं कार्रवाई

मथुरादास सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं है कि महिला चिकित्सक की लापरवाही का एक और बड़ा मामला सामने आ गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:28 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:13 AM (IST)
डिलीवरी केबाद चार बार आपरेशन के मामले में नहीं कार्रवाई
डिलीवरी केबाद चार बार आपरेशन के मामले में नहीं कार्रवाई

जागरण संवाददाता, मोगा : मथुरादास सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं है कि महिला चिकित्सक की लापरवाही का एक और बड़ा मामला सामने आ गया। महिला डॉक्टर का पक्ष पूछे जाने पर उन्होंने एक चैनल के वरिष्ठ पत्रकार को गेट आउट कहा, बाद में एमएमओ डॉ.राजेश अत्री के सामने खबर छापने वालों पर मानहानि का केस दर्ज कराने की धमकी दे डाली, मामला जब बिगड़ा तो फिर एमएमओ के सामने ही पत्रकार से माफी भी मांग ली। एमएमओ डॉ.राजेश अत्री ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर ऑफिस से आई शिकायत के मामले में सिविल सर्जन ने कमेटी बनाकर जांच शुरू करा दी है। हालांकि सिविल सर्जन ऑफिस के रिकार्ड में महिला प्रिया के गलत ऑपरेशन के मामले में की गई शिकायत में अभी तक न तो कोई कमेटी बनी है न ही जांच शुरू हुई है।

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गांव धल्लेके निवासी निजी स्कूल की बस के चालक तरसेम सिंह की पत्नी कुलविदर कौर ने बताया कि उसकी पुत्रवधू प्रिया की मथुरादास सिविल अस्पताल में 17 सितंबर को डिलीवरी रात को साढ़े नौ बजे की हुई थी। डिलीवरी के दौरान लापरवाही के कारण उसकी पुत्रवधू की टांगों में लगातार खून रिसता रहा, वह साढ़े तीन महीने अस्पताल के चक्कर लगाती रही। इस दौरान सिविल अस्पताल में दूसरी बार भी सर्जरी की, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। बाद में उसने निजी अस्पताल में महिला को दिखाया वहां तीसरी बार ऑपरेशन हुआ, लेकिन वहां भी ठीक न होने पर चार जनवरी को चौथी बार प्रिया का आपरेशन फिरोजपुर रोड स्थित एक अन्य निजी अस्पताल में हुआ। वहां स्कैनिग कराने पर पता चला कि पेट में कोई लिक्विड सॉलिड फार्म में बदल चुका था। चौथी बार ऑपरेशन के बाद उसकी पुत्रवधू ठीक हो सकी। कुलविदर कौर का आरोप है कि निशुल्क डिलीवरी की उम्मीद में आई थी सिविल अस्पताल, लेकिन चार बार ऑपरेशन में कर्ज लेकर एक लाख रुपये तक खर्च करना पड़ा है।

महिला की सास कुलविदर कौर ने छह जनवरी को डीसी ऑफिस के साथ सिविल अस्पताल में भी शिकायत दी थी। 10 दिनों में उसे शिकायत देने के बाद एक बार भी नहीं बुलाया गया। वीरवार को वह ये पता करने आई थी कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई है, ये पूछने पर महिला डॉक्टर ने उनके साथ अभद्रता की, जबकि एमएमओ ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनके मामले की जांच शुरू हो गई है, जांच सिविल सर्जन ने शुरू कराई है, उनके चंडीगढ़ से लौटने के बाद ही पचा चलेगा जांच कहां तक पहुंची है।


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