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राष्ट्रीय स्तर पर नौ Gold medal जीतने वाली दो बहनेंं ऐसी हो रही अनदेखी की शिकार, मजदूरी को मजबूर

इसे सरकार की अनदेखी ही कहा जाएगा कि देश के लिए कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली कस्बा निहालसिंह वाला की दो सगी बहनें आज खेतों में धान रोपने को मजबूर हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:25 AM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर नौ Gold medal जीतने वाली दो बहनेंं ऐसी हो रही अनदेखी की शिकार, मजदूरी को मजबूर
राष्ट्रीय स्तर पर नौ Gold medal जीतने वाली दो बहनेंं ऐसी हो रही अनदेखी की शिकार, मजदूरी को मजबूर

मोगा [तरलोक नरूला]। इसे सरकार की अनदेखी ही कहा जाएगा कि देश के लिए कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली कस्बा निहालसिंह वाला की दो सगी बहनें आज खेतों में धान रोपने को मजबूर हैं। 28 जून को अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संस्था मोगा की तरफ से जूनियर पंजाब कुश्ती चैंपियनशिप करवाई जा रही हैं, जिसमें गांव धूड़कोट रणसींह कला की इन दोनों बहनों ने जौहर दिखाना है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण खेतों में मजदूरी कर रही हैं। दोनों खिलाड़ी बहनें राष्ट्रीय तर पर 9 स्वर्ण पदक भी हासिल कर चुकी हैं।

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अर्शप्रीत कौर 'खेलो इंडिया' में अपना नाम चमका चुकी है और राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है। धर्मप्रीत कौर पंजाब के लिए तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी है। धर्मप्रीत का कहना है कि स्वर्ण पदक जीतने के लिए गरीबी के दौर में दिन-रात की गई मेहनत का कोई मूल्य नहीं पड़ रहा। पढ़ाई का खर्च तक उठाने के लिए खेतों में मजदूरी करनी पड़ रही है। मजदूरी के बीच से ही समय निकालकर वह प्रशिक्षक हरभजन भागी से कुश्ती के गुर भी सीखतीं हैं।

ऑपरेशन की जरूरत, दवा लेकर खेल रही

अर्शदीप कौर के पिता ने बताया कि सरकार ने अभी तक कोई मदद नहीं की। उनकी बेटी को खेलते समय पहले जब कंधे पर चोट लगी थी तब कहा गया था कि इसका इलाज सरकारी स्तर पर होगा, परंतु बाद में किसी ने नहीं पूछा। अभी भी ऑपरेशन की जरूरत है, लेकिन उनके पास इसके लिए पैसे नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि इतना सब कुछ सहने के बाद भी बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और वह अखाड़े और देश का नाम रोशन करना चाहती है, जिसके लिए वह दवा लेकर खेल रही है। बोले-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सरकार से बड़ी आशा है कि वे इन खिलाड़ी बेटियों की मदद करेंगे।

नौकरी में दिया जाता है आरक्षण : अमृत कौर

डायरेक्टर स्पोट्र्स पंजाब अमृत कौर गिल ने कहा है कि खेलने वाले विद्यार्थियों के लिए स्पोट्र्स कोटे में से तीन प्रतिशत आरक्षण है, जब भी कहीं नौकरी की जानकारी आती है तो उक्त छात्राएं ध्यान दें और वह इस आरक्षण का लाभ ले सकती हैंं। इसके अलावा उन्होंने डाइट के बारे में कहा कि जब तक खेल चलतेे हैं, तब तक डाइट मिलती है और कोच भी फ्री दिए जाते हैं।

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