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काली दिवाली मनाएंगे खोखा संचालक

मोगा : निगम की ओर से हाईकोर्ट के आदेश पर 11 माह पहले अतिक्रमण के नाम पर हटाए खोखा संचालकों का पुनर्वास नहीं किया गया है, जिस कारण खोखा संचालकों ने नगर निगम के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए काली झंडिया लगाकर दिवाली मनाने का फैसला कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 05:42 PM (IST)
काली दिवाली मनाएंगे खोखा संचालक
काली दिवाली मनाएंगे खोखा संचालक

राज कुमार राजू, मोगा : निगम की ओर से हाईकोर्ट के आदेश पर 11 माह पहले अतिक्रमण के नाम पर हटाए खोखा संचालकों का पुनर्वास नहीं किया गया है, जिस कारण खोखा संचालकों ने नगर निगम के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए काली झंडिया लगाकर दिवाली मनाने का फैसला कर लिया है।

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बता दें कि 18 जनवरी को नगर निगम ने अदालत के आदेश पर शहर के विभिन्न हिस्सों से सब्जी मंडी, सिविल अस्पताल के बाहर, शाम लाल चौक, चैंबर रोड पर कब्जों के साथ 239 खोखा संचालकों के भी खोखे गिराए थे। इस दौरान निगम व स्थानीय नेताओं की ओर से खोखा संचालकों के पुनर्वास के वादे भी किए गए, लेकिन आज भी खोखा संचालकों को जमीन अलॉट न होने से वह बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। निगम ने चौपट किया कारोबार : बलबीर

सब्जी मंडी में 14 साल से कपड़े का कारोबार करने वाले बलबीर ¨सह ने बताया कि सब्जी मंडी में कपड़े का कारोबार करता है, लेकिन जनवरी महीने में नगर निगम द्वारा हटाए गए अवैध कब्जों की आड़ में उनके कारोबार को चौपट कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह खुले आसमान के नीचे कपडे रखकर बेचने का कारोबार कर रहे हैं ऐसे में उनका सामान खराब हो जाता है ।उन्होंने कहा कि वह मंडी के दुकानदारों के साथ काली झंडिया लगाकर दीवाली मनाएंगे। घर का गुजारा हुआ मुश्किल : प्रीतम सिंह

प्रीतम ¨सह ने बताया कि मैं पिछले 13- 14 वर्षों से मोगा की सब्जी मंडी में खोखे पर अपना कारोबार करके परिवार का गुजर-बसर कर रहा था । उसने बताया कि मात्र मैं घर में अकेला ही है जिसके सहारे पर घर का चूल्हा चलता है । लेकिन नगर निगम द्वारा हटाए गए अवैध कब्जों की आड़ में उनका कारोबार लगभग बंद हो कर रह गया है। उनके घर में दो वक्त का गुजारा करने के लिए पूरा राशन भी नहीं है ।

नगर अधिकारियों व नेताओं ने की वादाखिलाफी : विनय कुमार

दुकानदार विनय कुमार ने बताया कि वह बड़ी लंबी अच्छे से मोगा की सब्जी मंडी में मात्र ढाई सौ रुपए महीना किराया देकर अपना कपड़े का कारोबार कर रहे थे ।लेकिन नगर निगम ने अदालती आदेशों के तहत उनकी दुकानों को गिरा तो दिया । लेकिन उनके लिए पुर्नवास का कोई समाधान नहीं किया गया । उन्होंने कहा कि मेयर व नेताओं ने उनको भरोसा दिया गया था कि उनको 8 बाई 10 की दुकानें लगाने के लिए जगह दी जाएगी लेकिन 10 महीने बीतने के बाद उनका वादा पूरा नहीं हो पाया है । मेयर के पास है फाइल : निगम कमिश्नर

नगर निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने कहा कि उनका प्रयास है कि मंडी के दुकानदारों को वैंडर पॉलिसी के तहत जमीन दें, जिस संबंधी फाइल मेयर के पास है, जिस पर कार्रवाई होने के बाद ही जमीन मिलेगी।

कोट्स

नगर निगम के मेयर अक्षित जैन का कहना है कि वैंडर पॉलिसी को लेकर निगम अपनी कार्रवाई पूरी कर चुका है। आगामी दिनों में होने वाली जनरल हाउस की बैठक में वैंडर पालिसी को सबकी सहमति से लागू कर दिया जाएगा।


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