निगम में दानामंडी में छोड़े लावारिस पशु
शहर को लावारिस पशुओं से निजात दिलाने का जो बेड़ा प्रशासन ने उठाया है, उसमें दिन प्रतिदिन रूकावटें बढ़ती ही जा रही है। शुक्रवार को आढ़तियों ने गोशाला का दायरा बढ़ाने का विरोध किया था, जिसके चलते प्रशासन की टीम गोशाला में लावारिस पशुओं को नही रख पाई। इसके बाद जब निगम की टीम शाम को शहर से 11 लावारिस पशु पकड़कर गांव किशनपुरा कलां में बने सरकारी कैटल पौंड में पशु छोड़ने गई तो वहां गांव वासियों ने टीम का विरोध शुरू कर दिया।
फोटो-5,5ए
-पहले आढ़तियों तो अब गांव वासियों ने किया प्रशासन की टीम का विरोध
-गोशाला में पशु न रखने दिए तो टीम ने दानामंडी में छोड़े 11 लावारिस पशु संवाद सहयोगी, मोगा :शहर को लावारिस पशुओं से निजात दिलाने का जो बीड़ा प्रशासन ने उठाया है, उसमें दिन प्रतिदिन रुकावटें बढ़ती ही जा रही है।
शुक्रवार को आढ़तियों ने गोशाला का दायरा बढ़ाने का विरोध किया था, जिसके चलते प्रशासन की टीम गोशाला में लावारिस पशुओं को नहीं रख पाई। इसके बाद जब निगम की टीम शाम को शहर से 11 लावारिस पशु पकड़कर गांव किशनपुरा कलां में बने सरकारी कैटल पौंड में पशु छोड़ने गई तो वहां गांव वासियों ने टीम का विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते विरोध धरने में बदल गया, जिसके बाद टीम ने उक्त घटना की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को फोन पर दी। इस उपरांत लोगों के विरोध के आगे मजबूरीवश निगम टीम पशुओं को वापस मोगा ले आई और मोगा की दानामंडी में फिर से उन पशुओं को छोड़ दिया गया। इस बात की पुष्टि नगर निगम के एसडीओ गुरप्रीत ¨सह ने की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उक्त 11 पशुओं को दानामंडी में छोड़ दिया गया था। तीन दिन में पकड़े 214 पशु
पंजाब के चार जिलों से मंगवाई गई पशु पकड़ने वाली टीमों ने बीते तीन दिनों दौरान शहर से 214 लावारिस पशु पकड़े हैं, जिन्हें बुक्कनवाला गोशाला, चड़िक रोड गोशाला, किशनपुरा गोशाला व अन्य गोशालाओं में भेजा जा चुका है। लेकिन अब निजी गोशालाएं और पशु रखने की क्षमता में नहीं है। दूसरी ओर निगम की ही सरकारी गोशाला में पशु रखने को लेकर गांव किशनपुरा कलां के लोगों ने प्रशासन का विरोध करना शुरू कर दिया है। अब अगर प्रशासन को लावारिस पशु रखने के लिए कोई विकल्प नहीं मिलता तो एक बार फिर से शहर को लावारिस पशुओं से मुक्ति दिलाने का अभियान बीच में ही रह जाएगा। दानामंडी में ही घूम रहे 100 लावारिस पशु
बता दें कि मोगा की नई दानामंडी में इस समय लावारिस पशुओं का डेरा बन गई है। एक अनुमान के अनुसार मंडी में 100 से अधिक लावारिस पशु घूम रहें हैं। निगम टीम ने काफी मशक्त के बाद शहर से पकड़े 11 लावारिस पशुओं को भी लोगों के विरोध के बाद दानामंडी में ही छोड़ दिया। ऐसे में देखा जाए तो आढ़तियों का रोष भी कहीं न कहीं ठीक हैं, क्योंकि लावारिस पशुओं के कारण जहां उनका कामकाज प्रभावित होता है, वहीं सीजन के दौरान जानी नुक्सान होने का भी खतरा बढ़ जाता है।