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पंजाब में फिलहाल नहीं होंगे नए ट्रैफिक नियम लागू

मोगा प्रदेश के लोग फिलहाल राहत की सांस ले सकते हैं। पंजाब की कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार ने फिलहाल राज्य में नए ट्रैफिक रूल्स को फिलहाल लागू नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की है। स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि सरकार अभी इस बारे में निर्णय नहीं ले सकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 08:37 PM (IST)
पंजाब में फिलहाल नहीं होंगे नए ट्रैफिक नियम लागू
पंजाब में फिलहाल नहीं होंगे नए ट्रैफिक नियम लागू

सत्येन ओझा, मोगा

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प्रदेश के लोग फिलहाल राहत की सांस ले सकते हैं। पंजाब की कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार ने फिलहाल राज्य में नए ट्रैफिक रूल्स को लागू न करने का फैसला किया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि सरकार अभी ये भी निश्चित नहीं कर पाई है कि नए ट्रैफिक रूल्स को ज्यों का त्यों अमल में लाया जाएगा या फिर उसमें कुछ बदलाव कर लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब सरकार के इस फैसले के चलते गुजरात के बाद पंजाब दूसरा राज्य है, जो नए ट्रैफिक रूल्स को लागू नहीं करेगा।

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उपकरणों की विभाग के पास कमी

वहीं पंजाब ट्रैफिक पुलिस के सूत्रों का कहना है कि आधुनिकीकरण के लिए विभाग के पास फंड की कमी है। राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा फंड के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन फंड जारी नहीं किया गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में एक लाख लोगों पर सिर्फ आठ ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। राज्य ट्रैफिक पुलिस के पास बॉडी कैमरा, ब्रेथ एनेलाइजर्स और स्पीड रडार जैसे उपकरणों की भारी कमी है। ऐसे में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करने में भी ट्रैफिक पुलिस को दिक्कत आती है।

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अभी पुरानी व्यवस्था ही रहेगी कायम : एडीजीपी ट्रैफिक

उधर, एडीजीपी ट्रैफिक डॉ. शरद सत्य चौहान का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए योजना तैयार कर ली गई है। सरकार से फंड मिलते ही उस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। सरकार की ओर से जब तक नए ट्रैफिक रूल्स पर कोई फैसला नहीं होता है, तब तक पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। फिलहाल, सरकार का जोर ट्रैफिक ऑपरेशन पर है। चालान की बजाय ट्रैफिक स्मूथ रहे, इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

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सूबे में सड़क हादसों के भयावह आंकड़े

पंजाब में सभी आयु वर्ग के लोग, खासतौर पर युवा हेलमेट पहनने से परहेज करते हैं। सड़क सुरक्षा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में होने वाले कुल सड़क हादसों में से 3.5 प्रतिशत हादसे अकेले पंजाब में हेलमेट न पहनने के कारण होते हैं।

सूबे में औसतन हर दिन 13 लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। पंजाब में हर 10 लाख लोगों पर 155 मौत सड़क हादसों में रिकॉर्ड की गई है। जो कि 111 के राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। वहीं वर्ष 2011 से 2018 के बीच पंजाब में 37,812 लोग सड़क हादसों में मारे गए हैं। तंदुरुस्त पंजाब मिशन रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2018 में 2017 की तुलना में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है। 2018 में राज्य में 2,540 लोगों की मौत तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हुई। पंजाब में सड़क हादसों में मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 18 से 45 के उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं।


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