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हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब नई जगह पर बनेगी निगम हाउस की इमारत

। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आखिरकार अब नगर निगम बोटेनिकल गार्डन उजाड़कर निगम हाउस की तीन मंजिला इमारत नहीं खड़ी कर सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:46 PM (IST)
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब नई 
जगह पर बनेगी निगम हाउस की इमारत
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब नई जगह पर बनेगी निगम हाउस की इमारत

सत्येन ओझा.मोगा

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हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आखिरकार अब नगर निगम बोटेनिकल गार्डन उजाड़कर निगम हाउस की तीन मंजिला इमारत नहीं खड़ी कर सकेगा। निगम हाउस की इमारत के लिए निगम परिसर में अब नई जगह तलाशनी होगी।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फरीदकोट से संबंधित एक जनहित याचिका पर 11 अक्टूबर को दिए फैसले का हवाला देते हुए वन विभाग ने नगर निगम को स्पष्ट कर दिया है कि अब पेड़ों का काटना तो दूर, कुल लगे पेड़ों की असेसमेंट भी नहीं कर सकेंगे। निगम के उद्यान विभाग की प्रभारी जेई हरसिमरनजीत कौर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बोटेनिकल गार्डन में अब पेड़ नहीं काटे जा सकेंगे। हाई कोर्ट के आदेश मिलने के बाद सोमवार को नगर निगम के मुलाजिमों में खुशी का माहौल था। तीन साल तक कड़ी मेहनत के बाद निगम के कचरे को साफ कर बोटेनिकल गार्डन विकसित किया गया था।

यह है मामला

नगर निगम की वर्तमान हेरिटेज बिल्डिंग के पिछले हिस्से में तीन साल पहले तक निगम का कबाड़ पड़ा हुआ था। उनके बीच में कुछ सफेदे के पेड़ लगे थे। निगम के कुछ मुलाजिमों ने निजी स्तर पर इस जगह की सफाई कर वहां औषधीय महत्व के पौधों के साथ ही सब्जी व फलों के पौधे लगा दिए। तीन साल में ये पौधे अब पेड़ का रूप धारण कर चुके हैं। फल, फूल व सब्जियां लग जाने के कारण निगम का ये हिस्सा खूबसूरत रूप ही नहीं ले चुका है, बल्कि कई मुलाजिमों की संवेदनाएं इस पार्क से जुड़ी हुई हैं, उन्होंने अपनी शादी की वर्षगांठ व जन्मदिन के मौके पर पौधे रोपे थे, जिनकी वे पूरी गंभीरता के साथ देखभाल कर रहे हैं।अब यहां पर एक हजार से ज्यादा छोटे बड़े पौधे हो चुके हैं, जिनमें काफी पेड़ का रूप ले चुके हैं। इनमें कुछ तो दुर्लभ प्रजाति के पौधे देश के कई हिस्सों से लाकर यहां लगाए गए हैं। सब्जियों में हरे, सफेद व जामुनी रंग के बैंगन यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।

हाल ही में काटे गए थे 12 पेड़

नगर निगम की इसी साल दो अगस्त को हुई पहली बैठक में हाउस में बोटेनिकल गार्डन वाली जगह पर 200 गुणा 65 फीट जगह में तीन मंजिला निगम हाउस की नई इमारत बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था। हालांकि निगम परिसर में काफी खाली जगह पड़ी हुई है। फायर ब्रिगेड की शिफ्टिंग की प्रक्रिया होने के बाद ये जगह भी खाली हो जाएगी। जगह की अधिकता के कारण कम्युनिटी सेंटर जो पहले गोधेवाला छप्पड़ में प्रस्तावित था, अब निगम परिसर में ही बन रहा है। कम्युनिटी सेंटर के निर्माणाधीन वाली जगह पर भी निगम ने हाल ही में वन विभाग की मंजूरी के बिना 80 से 90 साल पुराने अशोक, पीपल जैसे 12 विशाल पेड़ काटकर उनकी 45 हजार रुपये में नीलामी भी एक सप्ताह पहले की जा चुकी है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि निगम कमिश्नर को निगम की जगह में खुद पेड़ काटने के आदेश देने का अधिकार है।ये पेड़ हाई कोर्ट के आदेश से पहले काटे गए थे, जबकि हाई कोर्ट का फरीदकोट की जिस सहकारी शुगर मिल के संदर्भ में आया है वहां भी शुगर मिल की अपनी जगह थी,जहां पेड़ काटे गए हैं। सीसीटीवी कैमरे में कैद है पेड़ काटने की कार्रवाई

ऐसे में कम्युनिटी सेंटर वाली जगह में काटे गए हरे पेड़ का मामला भी सुर्खियों में बना हुआ है, पेड़ों की कटाई के साथ ही आनन-फानन में उनकी नीलामी कर दी गई। 15 दिन पहले निगम की ये कार्रवाई आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो चुकी है। ट्रैक्टर ट्रालियों में लादकर लकड़ियां बाहर निकाल दी गईं, जबकि दो सूखे पेड़ काटे गए थे, उनकी लकड़ियां अभी भी नगर निगम परिसर में पड़ी हुई हैं।


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