मास्क पहन व शारीरिक दूरी का ध्यान रख भक्त कर रहे मां की पूजा
सतर्कता और श्रद्धा के साथ मंदिरों में नवरात्र पर्व मनाया जा रहा है। मास्क व शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। सरकारी गाइड लाइन का ध्यान रखते भक्तों को निर्धारित समय पर पाठ करने के उपरांत घर को जाने को प्रेरित किया जा रहा है।
तरलोक नरूला, मोगा : सतर्कता और श्रद्धा के साथ मंदिरों में नवरात्र पर्व मनाया जा रहा है। मास्क व शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। सरकारी गाइड लाइन का ध्यान रखते भक्तों को निर्धारित समय पर पाठ करने के उपरांत घर को जाने को प्रेरित किया जा रहा है। श्रद्धालु भी फिजिकल डिस्टेंस व मास्क का विशेष ध्यान रखते हुए इस पर्व को मना रहे हैं। अलग- अलग मंदिरों में नव दुर्गा की मूर्ति को स्थापित कर पूजा की जा रही है। दुर्गा स्तुति के पाठ किए जा रहे है।
प्राचीन श्री सनातन धर्म मंदिर में दुर्गा स्तुति का पाठ करवाया
प्राचीन श्री सनातन धर्म हरि मंदिर में नवरात्र के उपलक्ष्य में दुर्गा स्तुति के पाठ आरंभ हुए। महिलाओं ने सामूहिक रूप में दुर्गा स्तुति के पाठ किए। इस दौरान पवन गौड़ ने कहा कि नवरात्र में रोजाना मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में हमें हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना है। मंदिर के पुजारी एवं कथावाचक पवन गौड़ ने कहा कि नव दुर्गा की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। मंदिर शिवाला को रोजाना किया जाता है सैनिटाइज
मंदिर शिवाला के पुजारी अक्षय शर्मा ने कहा कि धीरे-धीरे लोग सतर्क हो रहे है। अब इस महामारी के बचाव हेतु लोग मंदिरों के साथ घरों में दुर्गा स्तुति का पाठ कर रहे हैं। ताकि कोरोना के इस प्रकोप से बचा जा सके। लोगों में जो यह समय के मुताबिक जागरूकता आई है इससे बड़ी महामारी से हम लोगों का बचाव बचाव सकते है। उन्होंने कहा कि रोजाना मंदिर को सैनिटाइज किया जाता है।
मंदिर में मास्क व हाथों को सैनिटाइज करना अनिवार्य :
माता चितपूर्णी मंदिर के पुजारी भूपिदर गौतम का कहना है कि भले ही नवरात्र में पिछले वर्ष के मुकाबले रश कम है लेकिन भक्तो में आस्था बरकरार है। भक्त समय समय पर आते है और मां की पूजा व दुर्गा स्तुति का पाठ कर वापस घर चले जाते है। ऐसे में मंदिर में आने वाले भक्तो के लिए सैनिटाइज रखा है। वही मास्क को भी अनिवार्य बनाया है। ताकि इस महामारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि नवदुर्गा की पूजा से कई जन्मों के पाप खत्म होते है।