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सेहत सेवाएं बचाओ संघर्ष कमेटी पंजाब का गठन

मोगा : मोगा में वीरवार को सेहत विभाग में काम करती प्रमुख पैरा मेडिकल की चार जत्थेबंदियों ने सेहत सेवाओं को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सेहत सेवाएं निजीकरण के लोक विरोधी फैसले विरुद्ध सेहत सेवाएं बचाओ संघर्ष कमेटी पंजाब का गठन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:21 PM (IST)
सेहत सेवाएं बचाओ संघर्ष कमेटी पंजाब का गठन
सेहत सेवाएं बचाओ संघर्ष कमेटी पंजाब का गठन

संवाद सहयोगी, मोगा : मोगा में वीरवार को सेहत विभाग में काम करती प्रमुख पैरा मेडिकल की चार जत्थेबंदियों ने सेहत सेवाओं को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सेहत सेवाएं निजीकरण के लोक विरोधी फैसले विरुद्ध सेहत सेवाएं बचाओ संघर्ष कमेटी पंजाब का गठन किया गया।

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इस मौके पर जत्थेबंदी के नेताओं ने कहा कि असामियां खत्म होने से रोजगार के स्त्रोत विभाग में बिल्कुल खत्म हो जाएंगे तथा बेरोजगारों की गिनती में बढ़ोतरी होगा। सेहत मंत्री पंजाब द्वारा इस निजीकरण न करने के संबंध में दिया गया गैर जिम्मेवारी तथा लोगों से मजाक है। क्योंकि सरकार सेहत के बजट में बढ़ोत्तरी करने की बजाए लगातार कम होकर सेहत विभाग को खत्म करके गरीब लोगों मिल रही सेहत सहूलियतों का गला दबा रही है। इस फैसले काविरोध करने व संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए सेहत विभाग बचाओ संघर्ष कमेटी का गठन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से र¨वदर लूथरा, इन्द्रजीत ¨सह विरदी, गुरप्रीत ¨सह, स्वर्णजीत ¨सह, सत्या जैन को कनवीनर चुना गया। इस बैठक में कुलवीर ¨सह मोगा, हरीबिलास, नरेन्द्र मोहन शर्मा, सुनील शमर, सुखमन्द्र ¨सह, सुख¨वदर ¨सह दोदा, गोपाल दास मल्होत्रा, रमनजीत ¨सह, राजेन्द्र शमर, रंजीत ¨सह, जरनैल ¨सह, तृप्ता कुमारी व पूर्व मुलाजिम नेता रणवीर ढिल्लों आदि नेताओं ने बैठक को संबोधित करते सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मुलाजिम लोक विरोधी फैसला तुरंत रद न किया तो आने वाले समय में विभिन्न वर्ग के लोगों को मुलाजिम जत्थेबंदियों को साथ लेकर सरकार विरुद्ध आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी तथा आ रही लोकसभा चुनाव दौरान यह मसला लोगों की कचहरी में लाकर सरकार का लोक विरोधी चेहरा बेनकाब किया जाएगा। बैठक के अंत में संघर्ष को तैयार करते हुए फैसला किया गया कि 25 जनवरी से राज्य के समूचे सेहत कर्मी काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी करते हुए सरकार प्रति रोष व्यक्त करेंगे। 25 जनवरी से चार फरवरी तक ब्लाक स्तरीय रैलियां की जाएंगी तथा नोटिस की कापियां जलाई जाएंगी। 25 जनवरी से 4 फरवरी तक ही मंत्रियों व विधायकों को रोष पत्र सौंपे जाएंगे। इसके बाद 5 फरवरी को सिविल सर्जन दफ्तरों आगे जिला स्तरीय रोष रैलियां करके सरकार को ज्ञापन भेजे जाएंगे। नेताओं द्वारा फैसला किया गया कि संघर्ष कमेटी के घेरे में बाहर रह गई जत्थेबंदियों को इसमें शामिल होने की अपील की गई। जल्द ही बैठक करके प्रदेश स्तर का संघर्ष किया जाएगा।


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