पार्षदों के घर को जाने वाली सड़कें दुरुस्त, आम आदमी के लिए बने गड्ढे
मोगा जनप्रतिनिधि जनसेवक नहीं बल्कि सेवा भोगी बनकर रह गया है। दैनिक जागरण टीम ने शहर में नगर निगम के पार्षदों के घरों के आसपास की पड़ताल की तो ये सच्चाई सामने आ गई।
दर्शन मित्तल, मोगा : जनप्रतिनिधि जनसेवक नहीं, बल्कि सेवा भोगी बनकर रह गया है। दैनिक जागरण टीम ने शहर में नगर निगम के पार्षदों के घरों के आसपास की पड़ताल की तो ये सच्चाई सामने आ गई।
आम तौर पर शहर में पिछले चार साल से खस्ताहाल के मामले में आम लोगों को एक ही रटा-रटाया जवाब देते हैं कि अधिकारी उनकी बात सुनते ही नहीं है, या अधिकारी कुछ करना ही नहीं चाहते हैं, जबकि जागरण की पड़ताल में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई कि सभी पार्टी के पार्षदों के घर के आसपास की सड़कें दुरुस्त थीं, लेकिन उनके घर से दूर सड़कों पर गड्ढे दिख रहे थे। पार्षदों के घर के आसपास सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चौकस थी, लेकिन उन्हीं के वार्ड के दूसरे क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां सफाई के नाम पर कोई पहुंचता ही नहीं है।
सबसे पहले हमारी टीम अकालसर रोड स्थित अकाली दल के पार्षद मंजीत धम्मू के निवास पर पहुंची। धम्मू के निवास के बाहर इंटरलॉकिग टाइल्स से बेहतर सड़कें बनाई गई हैं, उनके घर घर के चारों तरफ की गलियां भी इंटरलॉकिग टाइल्स से बनी हैं, सफाई भी बेहतर थीं, यहां पर धम्मू के वोटर रहते हैं। लेकिन अकालसर रोड पर रेलवे रोड से लेकर हाईवे तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं, यहां आम लोग चलते हैं।
यहां से हमारी टीम सरकार नगर स्थित अकाली दल की ही पार्षद जगदेव कौर के निवास पर पहुंची। पार्षद के निवास के आसपास की सड़क ठीक बनी हुई थी, लेकिन उनके निवास से थोड़ा आगे जाने पर न सिर्फ सड़कों का बुरा हाल मिला, बल्कि सफाई की व्यवस्था भी बदहाल थी।
आर्य स्कूल रोड पर आजाद प्रत्याशी प्रवीन कुमार पीना के निवास पर पहुंचे तो उनके निवास की सड़कें भी दुरुस्त थीं, लेकिन उन्हीं के वार्ड के दूसरे क्षेत्र में गड्ढे ही गड्ढे थे। शहर के मेन बाजार में किसी पार्षद का निवास नहीं है, वहां जोगिदर सिंह चौक से लेकर चौक शेखां तक हर जगह गड्ढे ही गड्ढे बने हुए हैं, यहां दिन भर आम लोग गुजरते हैं, जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं, लेकिन वे लक्जरी गाड़ियों में सड़कों पर बने गड्ढों की अनदेखी कर निकल जाते हैं, अपने घर के आसपास सड़क में दरार भी आ जाय तो जनप्रतिनिधियों की भृकुटी तन जाती हैं, निगम के मुलाजिम भी भले ही शहर की खस्ताहाल सड़क पर ध्यान न देते हों, लेकिन पार्षदों के घर के आसपास का पूरा ध्यान रखते हैं।