कैदियों ने भंगड़ा डाल, सबको नचाया नाल
मोगा सुधार गृह के रूप में तब्दील होती जा रही मोगा की सब जेल में रविवार को बैसाखी के मौके पर विचाराधीन कैदियों ने जब भंगड़ा डाला को हर कोई झूमने पर मजबूर हो गया।
संवाद सहयोगी, मोगा : सुधार गृह के रूप में तब्दील होती जा रही मोगा की सब जेल में रविवार को बैसाखी के मौके पर विचाराधीन कैदियों ने जब भंगड़ा डाला को हर कोई झूमने पर मजबूर हो गया। पंजाबी सभ्याचार व विरसे के साथ मस्ती से सब जेल के इस बैसाखी समारोह में एसडीएम गुरविदर सिंह जौहल खुद साक्षी बने, वे यहां मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
गौरतलब है कि सब जेल में भंगड़े की ट्रेनिग पिछले दस दिनों से चल रही थी। भंगड़ा सीख रहे विचाराधीन कैदियों ने बैसाखी के मौके पर भंगड़ा डाला तो पूरा सब जेल परिसर में मस्ती के रंग में रंगा नजर आया।
समारोह में एसडीएम परमजीत सिंह सिद्धू मुख्यातिथि पहुंचे। जेल का माहौल देख उन्होंने कहा कि जब तक जीवन में उत्सव रहता है, अपराध प्रवेश नहीं कर पाता है, जीवन में जब नीरसता आ जाती है तो निराशा के माहौल में अपराध भी प्रवेश करने लगता है, भारत में तीज त्यौहारों की परंपरा महज औपचारिकता नहीं है, इसके पीछे बहुत बड़ा दर्शन, बहुत बड़ी सोच छिपी हुई है। पिछले कुछ समय से जिस प्रकार से सब जेल में एक के बाद एक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, उसने पूरे सब जेल का माहौल ही बदलकर रख दिया है। ये सुधार गृह का रूप में लेता जा रहा है, जेलों का मतलब किसी को कैद करके रखना नहीं, बल्कि उनके जीवन में आए ठहराव या नकारात्मक भाव को कैद करके फिर से उन्हें मानवता की ओर ले जाना है।
इस दौरान योग गुरु अनमोल शर्मा ने कैदियों को योग की क्रियाओं की जानकारी देते हुए कहा कि योग जीवन की दिशा ही बदल देता है। उन्होंने दो महीने पहले सब जेल में कैंप लगाकर विचाराधीन कैदियों का दिल ही नहीं जीता था, बल्कि उनके जीवन की दिशा ही बदल दी थी। यही वजह है कि योग कैंप के बाद अब सब जेल का माहौल उत्सव के रूप में बदलता जा रहा है। इस मौके पर लायंस क्लब सेंट्रल ने प्रधान सुरेश कुमार, साहिल गर्ग, साहिल कुमार, मानिक गर्ग, मानक शाह आदि ने भांगड़ा टीम के सदस्यों को टी-शर्ट देकर सम्मानित किया गया।
दस दिन से ले रहे थे ट्रेनिग
भंगडा पेश करने वाली टीम के सदस्य लव सिंह, गुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरजंट सिंह, हरप्रीत सिंह ने बताया कि जेल सुपरिंटेडेंट परमजीत सिंह सिद्धू के सहयोग से भंगडा कोच यादविदर सिंह से वे दस दिन से भंगड़ा की ट्रेनिग ले रहे थे। आज अधिकारियों के सामने भंगड़ा प्रस्तुत करते हुए उन्हें असीम आनंद का अनुभव हुआ।