पंजाब के मोगा में नशा तस्करी के आरोप में ASI व उसकी महिला मित्र समेत तीन गिरफ्तार
मोगा में एसटीएफ के इंचार्ज रहे एएसआई बलजीत सिंह एवं उसकी महिला मित्र सहित तीन लोगों को नशा तस्करी भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। बलजीत सिंह अगस्त महीने तक पुलिस अधिकारियों की गुड बुक में था लेकिन बाद में तस्करी करने लगा।
मोगा, जेएनएन। पांच महीने तक चली लंबी जांच के बाद आखिरकार पुलिस ने मोगा एसटीएफ के इंचार्ज रहे एएसआई बलजीत सिंह एवं उसकी महिला मित्र सहित तीन लोगों को नशा तस्करी, भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी जैसे संगीन आरोपों में गिरफ्तार कर लिया है। एफआईआर में एक अन्य व्यक्ति को भी नामजद किया गया है। लेकिन अभी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।
गौरतलब है एसटीएफ के इंचार्ज रहे एएसआई बलजीत सिंह अगस्त महीने तक पुलिस अधिकारियों की गुड बुक में था। फिरोजपुर के बार्डर एरिया से बड़ी मात्रा में हेरोइन की बरामदगी एवं कई नशा तस्करी के मामलों को पर्दाफाश करने में बलजीत सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। इसी कारण उसे आउट आफ टर्न प्रमोशन भी मिला था। आरोप है कि अधिकारियों की गुड वर्क में जाने के बाद एएसआई बलजीत सिंह ने मोगा ट्रांसपोर्टर बलतेज सिंह की पत्नी कर्मवीर कौर से दोस्ती करने के बाद उसे नशा तस्करी का हथियार बना लिया था।
ऐसे शुरु हुआ तस्करी का खेल
आरोप के मुताबिक एएसआई बलजीत सिंह किसी मामले की जांच के लिए ट्रांसपोर्टर के घर गया था। वहीं से उसकी नजर उसकी पत्नी कर्मवीर कौर पर पड़ गई। वह बहाने से ट्रांसपोर्टर के घर आता जाता रहा और उसकी पत्नी के साथ दोस्ती कर उसे अपने झांसे में ले लिया। बाद में उसी के माध्यम से उसने नशा तस्करी शुरू कर दी। तस्करों को पुलिस से बचाने और फंसाने का खेल भी शुरू कर दिया था। नशा तस्करों के साथ ट्रांसपोर्टर बलतेज सिंह की पत्नी कर्मवीर कौर खुद बात करती थी। अक्सर वह एएसआई बलजीत सिंह के साथ ही रहती थी। इस बात का पता जब ट्रांसपोर्टर को चला तो उसने पत्नी को समझाने की कोशिश की जब पत्नी ने पति की बात को नजरअंदाज करना शुरू किया तो ट्रांसपोर्टर बलतेज सिंह ने अपनी पत्नी पर निगाह रखना शुरू कर दी।
मोबाइल फोन से हुआ पर्दफाश
एक दिन उसने सिविल लाइन में एक कोठी में कुछ लोगों को साथ लेकर अचानक छापा मारा। कोठी में उस समय एएसआई बलजीत सिंह और उसकी महिला मित्र कर्मवीर अकेले थे। ट्रांसपोर्टरों के साथ में बड़ी संख्या में मोहल्ले के लोगों को आए देख बलजीत सिंह मौके से भाग खड़ा हुआ, लेकिन भागते समय बलजीत और उसकी महिला मित्र कर्मवीर अपने मोबाइल फोन मौके पर ही छोड़ गए। मोबाइल फोन से बलतेज सिंह ने तस्करों के साथ हुई बातचीत की काल डिटेल निकलवाई और जुलाई महीने में मीडिया के सामने नशा तस्करी के खेल का भंडाफोड़ किया था।
बदनामी के बाद पुलिस आई हरकत में
बलजीत सिंह पुलिस अधिकारियों की गुड बुक में था इसलिए पहले तो पुलिस ने उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से परहेज किया। लेकिन जब पुलिस की बदनामी होने लगी तो मामले की जांच एसटीएफ फिरोजपुर को सौंपी गई। पांच महीने की जांच के बाद आखिरकार एएसआई बलजीत सिंह उसकी महिला मित्र कर्मवीर और जगत नारायण निवासी लडे व गुरमीत सिंह गुग्गु के खिलाफ नशा तस्करी, धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार के आरोप में थाना सिटी वन में केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में एएसआई, उसकी महिला मित्र एवं जगत नारायण को गिरफ्तार कर लिया है। गुरमीत सिंह पुलिस की पकड़ से फरार है।