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डेंगू के साथ अब जीका वायरस फैलने का डर

मोगा : डेंगू के डंक के बाद अब जीका नामक वायरस ने सेहत विभाग के लिए नई बिबता खड़ी कर दी है। बता दें कि जीका वायरस भी एडीज मच्छर के काटने से ही होता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 10:13 PM (IST)
डेंगू के साथ अब जीका वायरस फैलने का डर
डेंगू के साथ अब जीका वायरस फैलने का डर

संवाद सहयोगी, मोगा : डेंगू के डंक के बाद अब जीका नामक वायरस ने सेहत विभाग के लिए नई बिबता खड़ी कर दी है। बता दें कि जीका वायरस भी एडीज मच्छर के काटने से ही होता है। राजस्थान में जीका वायरस के 80 से अधिक केस सामने आ चुकें हैं, जिसके बाद भारत सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए राज्य सेहत विभाग को आदेश दिए हैं कि जीका वॉयरस को लेकर जमीनी स्तर तक लोगों को जागरूक किया जाए, क्योंकि जीका वायरस डेंगू के डंक से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है।

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इसके लिए भारत सरकार ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। बता दें कि अगर एडीज मच्छर के डंक से किसी गर्भवती महिला को जीका वायरस हो जाता है तो उसके पेट में पल रहे शिशु की मौत होने समेत उसका प्राथमिक विकास रुक सकता है।

अधिकारिक जानकारी के अनुसार जीका वायरस डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह मच्छरों से फैलता है। यह एक प्रकार का एडीज मच्छर ही है, जो दिन में सक्रिय रहते हैं। अगर यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है। मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका वायरस फैलता है। जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते, लेकिन इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। जैसे थकान, बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि।

डब्लयूएचओ के अनुसार जीका वायरस का कोई टीका नहीं है, न ही कोई उपचार है। इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) दी जाती है। जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं। जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली ची•ाों का इस्तेमाल और खून को जांचे बिना शरीर में ना चढ़वाना इत्यादि। जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं और बच्चों को है। बचाव के तौर पर हल्के रंग के कपड़े पहनें, खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें। सिविल सर्जन ने जारी किए नोटिस

जिला सेहत विभाग के एपीडीमोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीश अरोड़ा का कहना है कि जीका वायरस का पंजाब में अभी तक कोई केस सामने नहीं आया है, लेकिन राजस्थान में जीका के बढ़ रहे केसों के कारण भारत सरकार ने अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद मोगा सिविल सर्जन द्वारा जिलेभर के डाक्टरों लिखित नोटिस जारी कर जीका वायरस से सुचेत रहने को कहा गया है। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं व बच्चों को जीका वायरस से ज्यादा खतरा है, जिसके चलते आगामी दिनों में वह जिले भर की गायनीकोलॉजिस्ट डाक्टरों के साथ एक अहम बैठक कर उन्हें जीका वायरस के बारे में जागरूक करेंगे।


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