बेटी की शादी के कार्ड देकर लौट रहे पिता की ट्रक की टक्कर से मौत
फोटो-20,21 -कार का टायर बदल सड़क पर शीशे साफ कर रहा था मृतक -हादसे के बाद खड़े ट्रक को बस ने मारी टक्कर, बस व ट्रक के बीच फंसा चालक, सवारियां घायल
संवाद सहयोगी, मोगा : फिरोजपुर रोड पर वीरवार रात कार का टायर बदल कर शीशे साफ कर रहे कार चालक को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसकी मौके पर मौत हो गई। वहीं हादसे के बाद ट्रक सड़क पर पड़े मिट्टी के ढ़ेर पर जा चढ़ा, जिसे धुंध के कारण फिरोजपुर से चंडीगढ़ जा रही है मर्सिडीज बस ने पीछे जा टकर मार दी, जिससे बस में की सवारियों को मामूली चोटें लगी, वहीं बस का ड्राइवर बुरी ट्रक व बस के बीच में फंस गया। जिसे समाज सेवा सोसायटी के सदस्यों ने बड़ी मुश्किल से निकालकर सिविल अस्पताल में लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर देखते हुए फरीदकोट रेफर कर दिया है।
मृतक जो¨गदर ¨सह (50) पुत्र अवतार ¨सह निवासी फिरोजपुर के बेटे सतवीर ¨सह ने बताया कि तीन फरवरी को उसकी बहन की शादी है। वह अपने पिता के साथ मोगा में रिश्तेदारों को निमंत्रण कार्ड देकर वापस लौट रहे थे। रास्ते में उनकी कार पंक्चर हो गई थी। उसका पिता कार का टायर बदलने के उपरांत कार का फ्रंट शीशा साफ कर रहा था तो फिरोजपुर साइड की ओर से आए तेज रफ्तार ट्रक ने उसके पिता को टक्कर मार दी। इसके बाद ट्रक सड़क किनारे लगे मिट्टी के ढेर पर जा चढ़ा। इस हादसे में उसके पिता की मौके पर मौत हो गई। वही कुछ देर बाद फिरोजपुर से चंडीगढ़ जा रही मर्सिडीज बस ट्रक के पीछे जा टकराई, जिसकी सूचना पुलिस थाने को दिए जाने पर थाना सदर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर समाज सेवी सोसायटी के सहयोग से उसके पिता के शव व घायल बस चालक को उपचार के लिए मोगा के सिविल अस्पताल में पहुंचाया। थाना सदर की पुलिस ने ट्रक चालक को ट्रक समेत काबू करके उसके खिलाफ मृतक के बेटे सतवीर ¨सह के बयानों पर मामला दर्ज कर दिया है।
बेटी के हाथ पीले करने का सपना साथ ले गया पिता
मोगा के सिविल अस्पताल में मृतक जो¨गदर ¨सह के शव का पोस्टमार्टम करवाने आए उसके भाई जसवंत ¨सह ने कहा कि जो¨गदर ¨सह ड्राइवरी करता था। उसके चार बच्चे थे, जिनमें दो बेटे व दो बेटियां थी। एक बेटी की शादी पहले हो चुकी है। दूसरी बेटी की शादी 3 फरवरी को रखी थी, जिसको लेकर उसका भाई तैयारी कर रहा था और वीरवार को कार्ड देने के लिए रिश्तेदारों के पास मोगा आया था, लेकिन परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था।