मिशन क्लीन, ग्रीन एंड सेफ सोसायटी बदलेगी कश्मीरी पार्क की नुहार
कश्मीरी पार्क की बदहाली पर भले ही नगर निगम की नींद न खुली हो लेकिन शहर की क्लीन ग्रीन एंड सेफ सोसायटी ने पार्क के सुंदरीकरण का काम शुरू कर दिया है।
संवाद सहयोगी मोगा
कश्मीरी पार्क की बदहाली पर भले ही नगर निगम की नींद न खुली हो, लेकिन शहर की क्लीन, ग्रीन एंड सेफ सोसायटी ने पार्क के सुंदरीकरण का काम शुरू कर दिया है। इससे पहले ये सोसायटी नेचर पार्क में गुरु नानक कालेज रोड पर सड़क किनारे जंगल की सफाई कराकर पेंट से उसे खूबसूरत रूप दे चुकी है। बग्गेयाना स्टेडियम में भी सोसायटी सुंदरीकरण अभियान चला चुकी है।
बता दें कि सोसायटी के माध्यम से शहर के कई समाजसेवी एक मंच पर आकर शहर के पार्को के रखरखाव व उसे सुंदर रूप देने के लिए अभियान चला रहे हैं। लाकडाउन के दिनों में पार्को की हालत जब काफी खस्ता हो चुकी थी तो इस सोसायटी ने बेहतरीन काम करते हुए पार्कों को नया रूप दिया था। तब नेचर पार्क में गुरु नानक कालेज रोड की साइड ने जो जंगल का रूप ले लिया था। सोसायटी के सदस्यों ने उसकी सफाई व पेड़-पौधों की कटिग करवाकर उसकी खूबसूरती को दोबारा से बहाल करने में अहम भूमिका निभाई थी।
सोसायटी के अध्यक्ष गौरव गुड्डू के नेतृत्व में सोसायटी की युवा ब्रिगेड ने अपनी मौजूदगी में पहले तो कश्मीरी पार्क में घास की कटाई की। बाद में ट्रैक की साफ-सफाई की। कच्चे ट्रैक को भी समतल कर उसे सुंदर बनाया गया है। पार्क की टूटी हुई दीवार की मरम्मत कराई जा रही है।
इस मौके पर मिशन क्लीन एंड ग्रीन सेफ सोसायटी के सरपरस्त भगवान दास गुप्ता सरपरस्त, उपाध्यक्ष राजेश शर्मा, वित्त सचिव डा.चारू गोयल, संयुक्त सचिव अशोक कुमार जैन, लीगल एडवाइजर वरदान गर्ग, कार्यकारी सदस्य मनीष तायल, कार्यकारी मेंबर राकेश कुमार, समाज सेवी अंजू हाजिर थे।
पार्क में बच्चों के लिए लगवाएंगे आकर्षक झूले
गौरव गुड्डू ने कहा कि वे पार्क के पुराने स्वरूप में लाकर उसे खूबसूरत रूप ही नहीं देंगे, बल्कि बच्चों के लिए आकर्षक झूले भी लगवा रहे हैं। शहर में कुछ ही गिने-चुने पार्क हैं जहां लोग परिवार के साथ सुबह-शाम घूम सकते हैं। झूले लगने के बाद बच्चों के लिए ये पार्क उपयोगी बन जाएंगे। आजकल हर परिवार की शिकायत रहती है कि बच्चे वर्चुअल दुनिया में जी रहे हैं, मोबाइल उनकी दुनिया बन चुकी है। बच्चों को इससे तभी बाहर लाया जा सकता है जब पार्को में बच्चों के मनपसंद झूले हों, हरियाली हो। सिर्फ बच्चों को डांटने से समस्या हल नहीं होगी।