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निगम चुनाव : विधायक डा. हरजोत कमल ने सिंगला से मिलाया हाथ, पत्नी के लिए टिकट आफर की

। नगर निगम चुनाव के लिए हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय राजनीति में हर दिन नए समीकरण बन रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:15 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:15 AM (IST)
निगम चुनाव : विधायक डा. हरजोत कमल ने सिंगला से मिलाया हाथ, पत्नी के लिए टिकट आफर की
निगम चुनाव : विधायक डा. हरजोत कमल ने सिंगला से मिलाया हाथ, पत्नी के लिए टिकट आफर की

सत्येन ओझा.मोगा

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नगर निगम चुनाव के लिए हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय राजनीति में हर दिन नए समीकरण बन रहे हैं।

हिदू बहुल मोगा नगर निगम में गठबंधन से अलग होने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने हिदू चेहरे के रूप में शहर की तमाम समाज सेवी संस्थाओं में सक्रिय नवीन सिगला को पार्टी में शामिल कर शिअद के व्यापार एवं उद्योग प्रकोष्ठ का शहर अध्यक्ष बनाया था। एक महीने बाद ही सिगला का कांग्रेस में पलायन हो जाने के बाद शिअद के लिए फिर से संकट खड़ा हो गया है।

निगम चुनाव के लिए अभी तक शिअद अन्य दलों की तुलना में सबसे सशक्त माना जा रहा था। 25 साल के जिले के इतिहास में शहर में शिअद की बड़ी शक्ति भाजपा ही थी। हिदू बहुल क्षेत्र होने के कारण भाजपा शहर में अकाली दल के लिए विधानसभा ही नहीं निगम चुनाव में भी संजीवनी का काम करती थी। यही वजह थी कि निगम चुनाव का बिगुल बज जाने के बाद शिअद के स्थानीय रणनीतिकारों ने शहर में हिदू चेहरों पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे। कांग्रेस पार्टी भले ही गुटों में बंटी हुई है। लेकिन निगम चुनाव के बाद कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व शिअद के हर दांव को बेकार करता रहा है।

सबसे पहले कांग्रेस के स्थानीय विधायक डा.हरजोत कमल ने अकाली दल की स्थानीय राजनीति में मजबूत चेहरे के रूप में उभरे गुरविदर सिंह बबलू, लंडेके क्षेत्र से विक्की सरपंच, तलविदर चक्कियां, कुलदीप कौर विजय भूषण टीटू, प्रवीन शर्मा पीना, विनोद छाबड़ा, दो बार अकाली पार्षद रह चुके हरबंस सिंह बुद्धू को पार्टी में शामिल कर अकाली दल की कमर तोड़ी। उन्होंने भाजपा के विनीत चोपड़ा व आम आदमी पार्टी (आप) के गुरप्रीत सिंह सचदेवा को भी कांग्रेस में शामिल किया।

दल बदलने का ये सिलसिला शुरू हुआ तो फिर कांग्रेस का दामन थामने वालों की लंबी फेहरिस्त बनती गई, जो अभी भी जारी है। उधर, शिअद के लिए उनके अपने ही पुराने सहयोगी दल ने भी मुश्किलें पैदा करना शुरू किया तो अकाली दल की चिता बढ़ना स्वाभाविक था। सबसे पहले गगन नौहरिया ने अकाली दल को छोड़ भाजपा का दामन थामा, संघ से जुड़े समाजसेवी देवप्रिय त्यागी को शिअद में शामिल करने की पार्टी ने सभी तैयारी कर ली थीं। जिस दिन उन्हें शिअद की तराजू में बैठाया जाना था, उससे पहले यह बात लीक होने पर भाजपा नेतृत्व ने त्यागी को पलायन करने से रोक लिया। उस समय तक नवीन सिगला शिअद में शामिल हो चुके थे। वे कई हिदू चेहरों को शिअद की तराजू में चढ़ाने को सक्रियता से प्रयास भी कर रहे थे, जिससे शिअद नेतृत्व को बड़ी संतोष था।

पर्दे के पीछे चुनावी गोटियां कर रहे फिट

पर्दे के पीछे चुनावी गोटियां फिट कर रहे कांग्रेस विधायक डा.हरजोत कमल ने शिअद के इस दांव को बेअसर साबित कर नवीन सिगला से हाथ मिलाकर उनकी पत्नी अंजू सिगला के लिए वार्ड 21 की सीट आफर कर दी। नवीन सिगला ने शुक्रवार को विधायक समर्थक बाकी 49 दावेदारों के साथ अपनी पत्नी का भी प्रत्याशी के रूप में आवेदन कांग्रेस मुख्यालय में कर दिया। 50 आवेदनों का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा

कांग्रेस ने निगम चुनाव के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी घोषित की थी। अंतिम दिन विधायक समर्थकों ने चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर जाकर अपने आवेदन आधिकारिक रूप से जमा करा दिए। सूत्रों का कहना है कि जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष महेशइंदर सिंह निहालसिंह वाला के समर्थक पहले ही आवेदन पार्टी को दे चुके हैं, लेकिन उनके खेमे में 50 आवेदनों की संख्या का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।


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