मेयर का चेहरा सामने लाए बिना ताल ठोक रहे हैं सियासी दल
निगम की वार्डबंदी का मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद निगम की तैयारियों को लेकर सभी दलों ने ताल ठोक दी है
सत्येन ओझा,मोगा
निगम की वार्डबंदी का मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद निगम की तैयारियों को लेकर सभी दलों ने ताल ठोक दी है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के मौसम में चुनावी गरमाहट महसूस की जाने लगी है। शहर की इस मिनी असेंबली के ताल ठोक रहे सियासी दल अभी तक मेयर पद के अपने प्रत्याशी का चेहरा सामने नहीं ला सके हैं। एक मात्र अकाली दल में ये माना जा रहा था कि अकाली दल से मेयर पद के दावेदार पूर्व मेयर अक्षित जैन होंगे, लेकिन अकाली दल के हलका प्रभारी बरजिदर सिंह बराड़ ने ये कहकर कि अकाली दल का मेयर निगम चुनाव के बाद पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल घोषित करेंगे, फिर से पार्टी में सस्पेंस की स्थिति पैदा कर दी है।
कांग्रेस भी अभी प्रत्याशियों को लेकर दो धड़ों में बंटी हुई है, दोनों ही गुट अभी तक अपने निगम चुनाव के लिए मेयर पद के दावेदार का चेहरा जनता के सामने लेकर नहीं आए हैं। भारतीय जनता पार्टी में अभी तक माना जा रहा था कि सीनियर डिप्टी मेयर रहे अनिल बंसल मेयर पद के दावेदार हो सकते हैं, लेकिन अभी तक पार्टी में मेयर पद पर अनिल बंसल का नाम सामने नहीं आया है। हालांकि भाजपा अभी तक पार्टी प्रत्याशियों को लेकर ही आधिकारिक रूप से कोई बैठक नहीं कर पाई है, ऐसे में मेयर का चेहरा फिलहाल भाजपा में सामने आएगा, इसकी संभावना कम है। नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव आब्जर्बर बनाए गए केन्द्र सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके विजय सांपला चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से अभी तक मोगा ही नहीं पहुंचे हैं। सिर्फ पार्टी के जिला प्रभारी प्रवीन बंसल ही लुधियाना से यहां आकर एक दिन अनौपचारिक रूप से पार्टी के कुछ संभावित प्रत्याशियों के घरों पर जाकर चर्चा करके वापस लौट गए थे।
जहां तक आम आदमी पार्टी का मामला है तो जहां अकाली दल व कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों ने जिस प्रकार से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, खुद को स्वयंभू दावेदार बताकर अपने अपने वार्डों में जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है वहीं भाजपा दोनों के मुकाबले पीछे तो है लेकिन आम आदमी पार्टी के संभावित प्रत्याशियों की सोशल मीडिया पर उपस्थिति न के बराबर है। हालांकि चर्चा है कि आप में मेयर प्रत्याशी के कई स्वयंभू दावेदार हैं, लेकिन अभी तक किसी नाम की किसी सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं हुई है।
सूत्रों का कहना है कि विवादों से दूर रहने के लिए कांग्रेस व अकाली दल फिलहाल मेयर पद के चेहरे को सामने लाने से बच रही हैं। शुरूआत में जब पूर्व विधायक जोगिदर पाल जैन व पूर्व मंत्री जत्थेदार तोता िसह गुट के बीच 20 साल की कड़वाहट के बाद दोस्ती का हाथ बढ़ा था, तब ये मान लिया गया था कि पूर्व मेयर अक्षित जैन ने मेयर पद के प्रत्याशी होंगे, लेकिन उनका नाम सामने आते ही निगम में सबसे वरिष्ठ प्रेम चक्की वालों के समर्थकों ने इस बात पर विवाद खड़ा कर दिया। प्रेम चक्की वाले अब तक लगातार चार बार लगातार नगर निगम, पहले नगर कौंसिल का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें वरिष्ठता के आधार पर सबसे प्रबल दावेदार पिछली बार भी माना गया था, इस बार भी चर्चा अक्षित जैन के नाम पर ही रही, प्रेम चक्की वालों का नाम चर्चा से भी बाहर रहा। कांग्रेस भी हालातों को भांप रही है क्योंकि कांग्रेस की ओर से लंबे समय से जमीन पर चुनावी दांव पेंच चल रहे विधायक डॉ.हरजोत कमल खेमे में मेयर पद के कई दावेदार हैं, लेकिन वे फिलहाल किसी भी विवाद में फंसने से बचने के लिए मेयर का चेहरा सामने लाने से बच रहे हैं। कार्यकारी जिलाध्यक्ष खेमे से मेयर पद के चेहरे के रूप में काफी समय से उनके बेटे धर्मपाल सिंह का नाम चर्चा में है लेकिन आधिकारिक रूप से कोई कुछ भी बोलने से बच रहा है।