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तीन-चार दिन के बाद भी मंडियों में नहीं खरीदा जा रहा धान

संबंध में डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने कहा कि पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार किसी भी किसान को मंडी में आने के दौरान समस्या पेश नही आने दी जाएगी। उनके द्वारा आगामी दिनों में मंडी का दौरा किया जाएगा।इसके अलावा संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट लेगें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 05:34 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 05:34 PM (IST)
तीन-चार दिन के बाद भी मंडियों में नहीं खरीदा जा रहा धान
तीन-चार दिन के बाद भी मंडियों में नहीं खरीदा जा रहा धान

राज कुमार राजू, मोगा

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अनाज मंडी में धान की फसल लेकर आए किसानों ने जहां मंडी बोर्ड के घटिया प्रबंधों के दावों की पोल खोल दी है। मंडी में धान लेकर आए किसानों को तीन दिनों से ज्यादा का समय मंडी में बैठे हुए हो गया है। ऐसा होने पर किसानों को रात को जागकर धान के चुराए जाने की घटनाओं को लेकर पहरेदारी करनी पड़ रही है। वहीं, दिन में धान की नमी को सुखाने के साथ रात को पड़ने वाली ओस से किसान धान को बचाने में लगे हुए हैं।

गौर रहे कि सरकार की हिदायतों अनुसार अनाज मंडी में धान की खरीद लगभग अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह के अंत तक शुरू हो गई थी। लेकिन खरीद प्रबंध बहुत ही धीमे चल रहे हैं। इस कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक धान पूरी तरह से मंडी में पहुंचा ही नहीं है। क्योंकि बीते वर्ष के मुकाबले आधे धान की आमद हुई है। यदि पूरा पहुंच गया, तो यह समस्या बड़ी हो जाएगी। ऊपर से लि¨फ्टग का काम बहुत धीमा चल रहा है।

सड़कों पर पड़ा धान, बारिश होने पर कैसे बचाएं

गांव लंडेके निवासी किसान रेशम ¨सह ने कहा कि मंडी के शेड और फड़ में जगह न होने के कारण उन्हें मंडी की सड़क पर धान डालना पड़ा है। मंडी के लगभग सभी शेडों में धान की बोरियां पड़ी हैं। फड़ में भी धान रखने की जगह नहीं है। ऐसे में यदि बरसात आ गई, तो धान खराब हो जाएगा। इस डर से आज खेतों में खडे धान को काटने की किसान हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं।

लावारिस पशुओं की समस्या का भी हल नहीं

किसान जग्गा कलेर ने कहा कि अनाज मंडी में अभी तक भी लावारिस पशुओं का हल नहीं हो पाया है। जिस कारण रात के समय भी किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों को जागना पड़ रहा है। लावारिस पशु उनकी फसल को खराब कर रहे हैं। ऊपर से किसी भी गेट पर चौकीदार नहीं लगाए गए हैं। जिस कारण रात के समय धान को मंडी में घूमने वाली महिलाओं समेत बच्चों द्वारा चुराया जा रहा है।

अधिक नमी का स्तर बन रहा है परेशानी

किसान मलकीत ¨सह ने कहा कि सरकार द्वारा धान का नमी स्तर 17 प्रतिशत तय किया हुआ है। मंडी में धान लाने के दौरान नमी स्तर चेक करने वाले यंत्र द्वारा नमी ज्यादा बताकर मंडियों में धान को फैलाकर सुखाने के लिए कहा जाता है। उन्होंने कहा कि वह दिन तो धान सुखा लेते हैं, लेकिन रात को पड़ने वाली ओस से फिर धान की नमी बढ़ जाती है।

तीन दिनों से नही बिका धान

गांव खोसा कोटला निवासी किसान गुरबाज ¨सह ने कहा कि उन्हें मंडी में आए तीन दिन का समय हो गया है। बावजूद भी मंडी में जहां उनकी धान की फसल नहीं बिक पाई है। वहीं, धान की न तो बोली हुई है और न ही कोई आढ़ती या मंडी बोर्ड का अधिकारी आया है। ऐसा होने पर उन्हें दिन रात धान के ढेर पर ही बैठने सहित समेत सोना पड़ रहा है।

नही होने देगें कोई परेशानी : डीसी

डीसी संदीप हंस ने कहा कि सरकार की हिदायतों अनुसार किसी भी किसान को मंडी में आने के दौरान समस्या पेश नहीं आने दी जाएगी। उनके द्वारा आगामी दिनों में मंडी का दौरा किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।


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