मंत्री का फाइव स्टार होटल में लंच, दिव्यांगों को आचार से मिली रोटी
फोटो-61 62 63 64 -यूआईडी बनाने को लगाया गया था विशेष कैंप -साढ़े चार सौ बचों को बुलाया सात घंटे तक खड़े रहे
सत्येन ओझा, मोगा : शहर को मिले आयुष अस्पताल के शिलान्यास के मौके पर मुख्य आयोजन स्थल श्री सत्य साई मुरलीधर आर्युेदिक मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का सबसे ज्यादा खमियाजा दिव्यांग बच्चों को भुगतना पड़ा। सामान्य दिनों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की यूआइडी न बन पाने के कारण विशेष कैंप लगाया गया था। यहां बच्चों को लगभग छह से सात घंटे लाइन में लगना पड़ा। इस दौरान उनके खाने के लिए गुरुद्वारा साहिब से लंगर मंगाया गया, अव्यवस्था के चलते बच्चों को आचार से रोटी खाने को मजबूर होना पड़ा।
आयुष अस्पताल का उद्घाटन का मुख्य समारोह श्री सत्य सांई आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में रखा गया था। यहीं पर शिक्षा विभाग की पहल पर विभिन्न सरकारी स्कूलों के दिव्यांग बच्चों के यूआईडी बनाने के लिए विशेष कैंप लगाया गया था। कैंप में लगभग 450 बच्चों को बुलाया गया था। बच्चे यहां सुबह लगभग नौ बजे से पहुंचना शुरू हो गया था। यूआईडी बनाने का काम इतनी धीमी गति से हो रहा था कि दोपहर तीन बजे तक सिर्फ 12 बच्चों के ही यूआईडी का रिकॉर्ड अपलोड हो सका था, जिस कारण उन्हें 6 से 7 घंटे के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ा। निरीक्षण के लिए पहुंचे सेहत मंत्री बलबीर सिंह निरीक्षण के नाम पर बच्चों की लाइन के बराबर निकलकर चले गए। उन्होंने लाइन में घंटों से लगे बच्चे अथवा उनके पेरेंट्स से बात भी नहीं की, न यह जानने की कोशिश की कि आखिर कैंप में सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं।
बच्चों व उनके साथ पेरेंट्स के लिए खाने का इंतजाम गांव खोसा कोटला के एक गुरुद्वारा साहिब से किया गया था, लेकिन गुरुद्वारा साहिब में बना लंगर लाने में भारी लापरवाही देखी गई, जिसके चलते बच्चों को आचार के साथ ही रोटियां खाकर काम चलाना पड़ा। लंगर भी दोपहर ढाई बजे तक खत्म हो गया। ये अलग बात है कि मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री शहर के एक स्टार रेटिग होटल में लंच लेकर यहां पहुंचे थे।
की गई थी खाने की व्यवस्था : नायब तहसीलदार
नायब तहसीलदार मनिंदर सिंह ने बताया कि बच्चों के खाने की पूरी व्यवस्था की गई थी, खत्म होने पर दोबारा खाना मंगाया गया था। केस.1
10 बजे से लगी थी लाइन में, ढाई बजे तक नहीं आया नंबर
डाला निवासी जसप्रीत कौर ने बताया वह सुबह 10 बजे से लाइन में लगी है, अपनी दिव्यांग बेटी प्रभजोत कौर को लेकर आई थी, लेकिन ढाई बजे तक उसका नंबर नहीं आया। खाने में आचार के साथ रोटी मिली है। केस.2
सुबह से लगी लाइन, दोपहर को आचार के साथ मिली रोटी
संधुआना गांव की अमनदीप कौर अपने दिव्यांग बेटे नवजोत सिंह की यूआइडी के लिए सुबह नौ बजे से लाइन में लगी थीं, दो बजे तक नंबर नहीं आया था। इस बीच में उन्हें व उनके बेटे को खाने के नाम पर आचार से रोटी मिली।